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विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं I

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 विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं l CONTROL YOUR BREATHING TO CONTROL MIND  हाँ ! मस्तिष्क से उठे तरह-तरह के अलग-अलग विचारों का जाल ही मन है I  मन अस्तित्वहीन है; जिसे हम दिल की गहरी भावनाओं के साथ जोड़कर खुश भी होते रहते हैं, या कभी कभी इतने दुखी, और निराश भी हो जाते हैं कि सब कुछ अशांत-दुखी, और बैचेन हो जाता है I  अतः; अगर आपको हर क्षण ख़ुशी-शांति, और तरक्की को अनुभव करते हुए पूर्ण स्वस्थ और सुखमय जीवन चाहिए-- तो स्वयँ को समझना, और स्वयँ को समय देकर अपने अंतर्मन की भावनाओं-विचारों, और तीब्र-इच्छाओं को विवेकशीलता के साथ समझना शुरू कर दो I  मन के जाल में ना फँसो; बल्कि बुद्धि का उपयोग करें, और मन में चल रहे विचारों का आत्मावलोकन शाँति, और धैर्य बनाए रखते हुए करें; तभी आप सही निष्कर्षों पर पहुँच कर सही निर्णय ले पाएँगे I  इससे हर कार्य सफ़ल भी होंगे, और आप हर प्रकार के तनाबों, तथा चिंताओं से भी बचे रहेंगे I मन क्या है ? ख़ुशी के साथ तनाबमुक्त सफलता पाने का रहस्य ● निम्न हिंदी वीडियो आपके लिए हितकर होंगे; कृपया चिंतन-मनन के साथ उपय...

ख़ुशी के साथ सफलता कैसे पाएँ ? l सफ़लता के लिए खुश रहना जरूरी है l ख़ुशी और सफ़लता l ख़ुशी l सफ़लता

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  ख़ुशी  के साथ सफलता कैसे पाएँ ? ( ख़ुशी और सफ़लता एक दूसरे के पूरक हैं l ) *  सफ़लता के लिए खुश रहना जरूरी है।   ख़ुशहाल व्यक्तित्व के साथ बातचीत  जब तक आप ख़ुश नहीं रहेंगे ; तब तक सफ़ल होना असंभव ही होगा। सफ़ल होना है; तो हर छोटी - छोटी बातों में ख़ुश रहना सीख़ लो। *  ख़ुशी के साथ - साथ सफ़लता सुखदायी होती है। लेकिन सफ़लता के साथ - साथ स्वास्थ्य भी जरूरी है ; अन्यथा सफ़लता के सुःख से बंचित ही रहोगे। *  जिस भी काम को करने से मन को सकून मिले ; उसे ही करने से जीवन की वास्तविक ख़ुशी मिलती है। *  बिना अच्छे स्वास्थ्य , सुखी - खुशहाल परिवार , बिना इज्ज़त - मान सम्मान के धन - दौलत या बड़ी - बड़ी सफ़लताओं का जीवन में कोई महत्व नहीं रह जाता है। ख़ुद के साथ-साथ परिवार को समय देकर ही चिंता-मुक्ति के साथ-साथ ख़ुशियाँ बढ़ाई जा सकती हैं।  काम कभी ख़त्म नहीं होने वाले हैं; अतः इनके साथ-साथ अपनी ख़ुशियाँ कभी कम या ख़त्म ना होने दें।  *  ख़ुश रहकर ही आप सकारात्म...