अमीर कैसे बनें ?
( अमीरी के रहस्य )
अमीरी के रहस्य |
सीमित आमदनी के बाद भीअमीर बना जा सकता है , हम चाहें तो ऐसे कई उदाहरण हमारे आस-पास ही देख सकते हैं ,जो काफ़ी कम पढ़े-लिखे और आर्थिक दृष्टि से भी काफ़ी गरीब थे लेकिन उन्होंने ज्ञान, सूझ-बूझ के साथ मेहनत करके अमीरी का जीवन जिया है या जी रहे हैं।
अगर आप भी चाहते हैं कि आप भी अपने बल पर अमीर बनें तो
आज से ही बचत शुरू कर दीजिए।
जीवन में कमाना, बचाना जरूरी है; लेकिन अपनी बचत पर सबसे
अधिक रिटर्न कमाना अमीर बनने की बुनियादी शर्त है।
हम आपको अमीर बनने के सबसे महत्वपूर्ण मंत्र की जानकारी
देंगे जो हर बुरी परिस्थिति में भी आपको हिम्मत, आत्म-विश्वास के साथ आपके अमीरी के
रास्ते को आसान बना देगी। लेकिन शर्त यही है कि अमीरी के मंत्रों को विश्वास के साथ
मन की गहराइयों में बैठाकर, उन पर सकारात्मक कार्य निडरता और सूझ-बूझ के साथ निरन्तर
करने होंगे तभी आप धन कमा सकते हैं।
कोई भी रास्ता आसान नहीं होता है, उसे मेहनत, दृढ-संकल्प
की शक्ति के साथ लगातार कार्य करके ही आसान बनाया जा सकता है।
जीवन में बड़ी कामयाबी, इज्ज़त मिलना या यूँ कहें कि अमीर बनना या सम्पन्न बनना कभी किस्मत पर आधारित नहीं होता, जैसा अक्सर हममें से ज्यादातर सोचते हैं। साथ ही साथ यह भी सत्य है कि पैतृक रूप से प्राप्त सफलता भी स्वयं के लगातार प्रयास और मेहनत के आभाव में जल्दी ही समाप्त हो सकती है।
आज जो भी अमीर और सफल लोग हैं ; अगर हम उनके पूर्व के इतिहास, कठिनाइयों के बारे में जानेंगे तो पता चलेगा कि ज़्यादातर हमसे भी बुरी से बुरी परिस्थितियों में थे; लेकिन उन्होंने साहस, धैर्य, आत्मविश्वास के साथ लगातार परिस्थितियों से संघर्ष किया लेकिन उन्होंने कभी भी लक्ष्य परिवर्तित नहीं किया; जिसके कारण ही आज वे समृद्दि, सफलता के उच्च-शिख़र पर हैं।
हाँ ! इन्होने लक्ष्य के बीच-बीच में आने वाली परेशानियों और हारों का धैर्य के साथ विश्लेषण किया और कार्य करने की योजना और तरीकों में परिवर्तन किया जिसके कारण उनकी सफलता की गति और बढ़ गई; वे स्थाई सफलता पाने में सफ़ल हुए।
हम भी अपनी इच्छा-शक्ति, साहस, आत्म-विश्वास के बल पर सकारात्मक सोच के साथ कड़ी योजनाबद्ध मेहनत करके बड़ी जीत हांसिल करते हुए अमीर बन सकते हैं।
* निम्न कुछ विशेष बातें हैं, जिनका पालन करने पर हम स्वयँ में, कार्य के परिणाम में योजनानुसार प्रगत्ति (Improvements) करके अमीर बन सकते हैं :-
जो जीवन में जोखिम लेने से डरेगा,वह कभी भी जीत हांसिल नहीं कर सकता है। अगर कार्य में सिद्धि चाहिए तो कार्य की बारीकी, कार्य करने के तरीकों को जानना होगा, जिसको अलग से प्रयास करके, तकनिकों की जानकारी लेनी होगी।
हर कार्य या सेवा (सर्विस) का अलग-अलग तरीका होता है; अतः सीखकर हम उसमें माहिर हो सकते हैं। हर कामयाब अमीर की सफलता के पीछे उसकी लगन, पढ़ाई-लिखाई, कार्य-कौशल पाने के अथक परिश्रम छुपे होते हैं।
हमें कार्य-दशा के अनुरूप स्वयं को ढ़ालना होता है। विचार, व्यव्हार, व्यक्तित्व को लचीला (Flexible) बनाना होता है ।
हमें अपने उद्देश्य, लक्ष्य की समय-समय पर समीक्षा करके उनको कार्य दशा और परिणामों के अनुरूप सुधार करने होंगे। अपनी कमजोरियों पर कार्य करके उन्हें दूर करना होगा, तब जाकर हम उन्नत्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।
कोई कार्य कठिन नहीं होगा, अगर हम उन्नति के लिए दृढ़-संकल्पित होंगे।
अमीर बनने के लिए ज्यादा योग्यता या बड़ी-बड़ी एजुकेशन की
जरूरत नहीं होती; मुख्य जरूरत होती है अमीरी वाली समझ-सोच की। हमारी मानसिकता रूपए-पैसों
के प्रति विकसित होनी चाहिए, लेन-देन (फाइनेंसियल दक्षता) की समझ होनी आवश्यक है; इसे
पढ़कर या जानकारी इकट्ठी कर सीखा जा सकता है।
विचार, मानसिकता, तुरन्त निर्णय लेने की दक्षता विकसित
होनी आवश्यक है। हमें आदतों में सकारात्मक सुधार करने होंगे। हमें बचत तथा निवेश करने
की आदत विकसित करनी होगी।
ये सब गुण होने पर ही हम अमीर बन सकते हैं।
1. हमें पैसे से पैसा बनाना आना चाहिए :
पैसे कैसे उपयोग में लाने हैं तथा संचित धन को कहाँ निवेश करना है इनकी जानकारी और ज्ञान होना आवश्यक है।
संचित धन को ऐसी जगह निवेश (Invest) करें जहाँ से निरन्तर आमदनी (Returns) होती रहे।
इस
अतिरिक्त आमदनी को खर्च ना करके पुनः
निवेश करते रहें तभी; हमारा धन कुछ समय
बाद चक्रवृद्धि दर (Compound Rate)से बढ़कर बहुत
बड़ा हो सकता है।
कमाई के धन का दुरूपयोग कभी ना होने दें। मेहनत के पैसे को दिखावे या ऐशो-आराम या आरामदायक-फिजूल खर्च में ना ख़र्च करें।
धन
को संचय करके ऐसी चीजों पर ख़र्च करें
जो मुनाफे सहित वापिस मिले और निरंतर मुनाफ़ा
आता रहे।
गरीब सोच बाले लोग पैसा कमाकर बचाते हैं; जबकि अमीर लोग बचत को सही जगह पर निवेश (Investments) करते हैं और पैसे से अधिक गुणा पैसा बनाते हैं। इससे ही अमीरों का धन समय के साथ-साथ आय का एक बड़ा स्रोत बन जाता है जो उनको अमीरी की ऊँचाइयों पर पहुँचता देता है।
पैसा बचाकर रखने मात्र से पैसे की कीमत (वैल्यू) समय के साथ-साथ कम होती जाती है; जबकि इस बचत को सही जगह पर निवेश करने पर इसी पैसे की कीमत कई गुणा बढ़ती जाती है।
2.अमीर बनने के लिए हमें सज़ग रहकर अवसरों पर ध्यान देना होगा :
हमें निश्चित लक्ष्य बनाकर योजना अनुसार कार्य करने पर ही मुकाम हासिल होंगे।
3. दूसरों पर ध्यान देकर निराश ना हों, ना ही जलें-भूनें :
दूसरों को सहयोग, प्रोत्साहित करें
हमें स्वयँ पर ध्यान देना होगा ना कि दूसरों पर ध्यान देकर स्वयँ का समय बर्बाद करना है।
हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर दूसरों की तारीफ़ और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए तभी हमारी इज्ज़त के साथ-साथ तरक्की भी होगी।
बड़ी सोच अपनाकर अपने कार्य क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ाएं, उन्हें सहयोग करें।
4. योजना के साथ मेहनत आवश्यक है :
5. सहयोगी कर्मचारियों को जिम्मेदारी देकर उनसे लाभ लें; ना कि छोटे-छोटे कार्यों में स्वयँ का कीमती समय बर्बाद करते रहें :
अगर लक्ष्य बड़े हैं तो कार्य को बढ़ने के लिए कर्मचारी भर्ती
करके उन्हें काम सिखाना और उन्हें जिम्मेदारी देकर उनसे लाभ प्राप्त करने की कला का
विकास करें।
स्वयं को योजना बनाने, व्यापार या सेवा कार्य की तरक्की
के कार्यों में लगाएँ, छोटे-छोटे जरूरी कार्यों को दूसरों को काम पर लगाकर पूरा करें।
कर्मचारियों को योजनानुसार प्रशिक्षित करें, जिम्मेदारी
दें और समय-समय पर उनके द्वारा किये कार्यों की प्रगत्ति की समीक्षा करें।
इससे आपको कम समय में बड़ी सफ़लता की सम्भावना बढ़ जाएगी।
6. सूझ-बूझ के साथ जोख़िम लेने से कभी ना डरें : जोख़िम लेने से कभी ना डरें
अमीर और गरीब के बीच मुख्य अन्तर एक सोच का और दूसरा जोख़िम
लेने का होता है।
गरीब व्यक्ति सोचता ही रह जाता है और जिंदगी भर अफ़सोस के साथ-साथ किस्मत को ही कोसता रहता है।
गरीब व्यक्ति जोख़िम लेने से घबराता है और कभी
जोख़िम लेता ही नहीं है; जबकि दूसरी ओर अमीर व्यक्ति जोख़िम लेकर उसकी पूर्ण योजना लक्ष्यों
को निर्धारित करते हुए समझदारीपूर्ण सोच, ज्ञान, विश्लेषण के आधार पर सही जगह पर समय
तथा धन का निवेश करता है तथा बाजार में एक नया विशिष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
अगर कार्य करेंगे तो कई प्रकार की मुसीबतें, रूकाबटें तो
आएँगी ही; उनके लिए पहले से ही तैयारी करके रखें तभी हम साहस के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
7. ग्राहकों को विशिष्ट सेवा दें, दूसरों से कुछ विशेष लाभ दें :
अगर हम गुणवत्ता और लोगों के प्रति ईमानदारी के भाव से
लगातार सीखकर सेवा अच्छी देंगे तो कोई कार्य असंभव नहीं होगा।
हमें स्थिति और माँग के हिसाब से कौशल और ज्ञान को बढाकर
वस्तु या सेवा को बेहत्तर करते जाना चाहिए तभी हम बाजार या कार्य क्षेत्र में सफ़ल हो
सकते हैं।
दूसरों से कुछ ज्यादा अच्छा करना होगा।
मेहनत के बल पर कम समय में गुणवत्ता के साथ वस्तु या सेवा
लोगों को प्रदान करने पर ही हम लोगों का समर्थन प्राप्त करके प्रतियोगिता में भी बाजार
में अच्छी पकड़ बना सकते हैं।
हमें वह सामान या सेवा ग्राहकों को देनी है या तैयार करने
चाहिए जो ग्राहकों को पसन्द हो; ना कि वह जो हमें बनाना आता है या हमें पसन्द है। इसके
लिए हमें सर्वेक्षण करके विशिष्ट ग्राहकों की पसन्द और समस्याओं पर गहन विचार करना
होगा और प्रयास करके उसी प्रकार की सामग्री या सेवा ग्राहकों को उपलब्ध करवानी होगी;
तभी हम प्रतियोगिता में भी जीत सकते हैं।
8. स्वयँ के बल पर आगे बढ़ना चाहिए : लगन के साथ लगातार कार्य करें
नकारात्मक विचारों वाले, जीवन और साहस में निराशा फ़ैलाने
वाले लोगों से दूरी बनायें !
इससे आपका समय भी बचेगा और आप आत्म-विश्वास के साथ स्व-विवेक
के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
अपने विचारों और योजना पर सकारात्मक कार्य करें, तभी सपने
सच होंगे।
कार्य के प्रति लगन के साथ लगातार कार्य करें।
9. कार्य में निरन्तरता, धैर्य आवश्यक है :
अतः; बड़ा सोचो और लक्ष्य को छोटे छोटे निश्चित भागों में विभाजित करके सूझ-बूझ के साथ लगातार योजना के साथ कड़ी मेहनत के बल पर एक-एक करके सफ़लता प्राप्त करते जाएँ; तभी निश्चित समय सीमा में सफ़लता के साथ-साथ अमीरी के हम हक़दार होंगे।
हर दिन की शुरूआत जोश के साथ करें और रोज कुछ अतिरिक्त करें; ये छोटे-छोटे प्रयास संयुक्त (compound) होकर बड़ी सफ़लता के सहायक सिद्ध होंगे।
10. सोचने-समझने की क्षमता विकसित करें :
स्वयं तथा परिस्थितियों के बारे में सकारात्मक सोचें।
डरने या चिंता करने से कभी भी समस्या का समाधान नहीं होता
है; इसके लिए धैर्य के साथ समस्याओं के कारण जानें और उनका तत्काल मेहनत और ज्ञान के
बल पर समाधान करें।
समस्याएँ ही हमें आगे बढ़ने में सहायक होती हैं, इन पर जितना
सार्थक प्रयास करेंगे आपकी क्षमताओं और अनुभबों में उतनी ही प्रगत्ति होगी; जो की आगे
के रास्तों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
11. भविष्य की चिन्ता ना करें :
हमें मात्र हमारे अनुभव, कौशल, ज्ञान में बृद्धि करते जाना है, जो कि आने वाले कार्यों में लाभकारी होंगे।
12 (A). अमीर बनने के लिए हमें अमीरी वाली सोच और क्षमता विकसित करनी होगी :
अगर बड़ी सफ़लता हासिल करनी है तो दूसरों से हटकर सोचना, करना होगा।
पुराने चले आ रहे गरीबी की सोच वाले ढर्रे से आगे निकल कर नई सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
मात्र सोचते ही रहने से काम नहीं चलने वाला है; हमें तुरन्त निर्णय लेकर उन पर तुरन्त कार्यवाही (SUDDEN ACTION) करनी होगी, तभी हम प्रतियोगिता में स्थाई जगह बनाने में सफल हो सकते हैं।
(i). जितना समय, श्रम आप कम तनखा (SALARY) में किसी अन्य के कार्यों में खर्च कर रहे हैं; अगर उतना समय, श्रम आप अपने सपने, व्यापार को सफ़ल करने के लिए दें तो आप उन लोगों से भी बड़ी सफलता, अमीरी हांसिल कर लोगे l
(ii). ” पैसे के लिए काम मत करो; बल्कि पैसे को आर्थिक कार्यों में लगाकर उससे लाभ लो l”
एक ऐसा सिस्टम निर्माण करो जो आपको निरन्तर आय का स्रोत बन जाए l
12 (B). भेड़ चाल में ना फँसो :
अगर हमें अमीर बनना है तो व्यापार करना ही होगा और छोटे स्तर से शुरुआत करके खुद की मेहनत के बल पर अमीरी वाली सोच और बचत को सही जगह निवेश करके पैसे से पैसा बनाना होगा l
ये काम उतना असंभव भी नहीं है जितना दुनिया सोच बैठी है l जितनी मेहनत और जुनून से आप दूसरों के लिए काम करते हो; अगर आप उतना परिश्रम स्वयँ के व्यापार में कर लो तो एक समय बाद आप उनसे भी बड़े अमीर बन सकते हो। बस जरूरत है तो सूझबूझ और जुनून की। अगर दृढ़-संकल्प होगा तो सफ़लता पाने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
नौकरी करके हम क्षणिक शांति ही पा सकते हैं लेकिन व्यापार के बल पर हम इज्ज़त (Value) के साथ-साथ स्वयँ के अनुसार बड़ी शांति का जीवन पा सकते हैं, हमारी सभी इच्छाएँ स्वयँ के अनुसार पा सकते हैं।
13. कभी भी कर्ज़ लेकर कार्य आरम्भ ना करें :
पहले के लिए हुए अधिक सालों वाले कर्ज़ को कम सालों में बदलने के लिए पुनर्भुगतान करें ।
दूसरा तरीका यह हो सकता है कि आप अपने छोटे ऋण का भुगतान सबसे पहले करें। छोटे-छोटे कर्ज़ मुक्ति से आप में बड़े कर्ज़ को भी समाप्त करने की प्रेरणा के साथ आत्म-विश्वास आएगा।
मुनाफ़े को स्वयँ पर ना ख़र्च करके व्यापार या सेवा कार्यों की प्रगत्ति पर ख़र्च करें।
14. समय का निवेश आर्थिक लाभ बाले कार्यों में ही करें :
समय को निरर्थक कार्यों में कभी ख़र्च ना करें l
15.समझदारी के साथ खरीददारी करे, धन को आर्थिक लाभ बाली खरीददारी में ही ख़र्च करें:
हमें पैसा मैनेज करना आना चाहिए अन्यथा पैसा पानी की तरह बह जाएगा I
हमें धन का निवेश ऐसी जगह करना होगा, जहाँ से हम धन को गुणित रूप में बढ़ा सकें (वृद्धिशील आय) l
16. ख़र्चों में कटौती करें :