Tuesday, July 16, 2024

आपकी सफलता के बीच की मुख्य बाधा और कोई नहीं आप स्वयँ ही हैं !

आपकी सफलता के बीच की मुख्य बाधा और कोई नहीं आप स्वयँ ही हैं !

हाँ !! दोस्तों-- हमें ना तो कोई सफल या असफल बना सकता है, और ना ही हमें किसी ने कार्य करने से रोके रखा है ! ये जो आप कार्य शुरू ही नहीं कर पा रहे हैं, या जो कार्य कर भी रहे हैं; उसे आधे-अधूरे मन से कर रहे हैं; उसका मुख्य कारण आपकी निरर्थक मानसिक भ्रांतियाँ, कार्यों के बारे में पाल रखे तरह-तरह के मानसिक डर, और आपके स्वयँ के और लोगों के प्रति बना रखी गलत धारणाएँ हीं जिम्मेदार हैं ! 

अतः अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है -- सचेत होकर हर उस बात पर ईमानदारी के साथ आत्म-अवलोकन करें कि; वास्तब में सब कुछ होते हुए भी आप कार्य की शुरूआत करने से क्यों डर रहे हो ?, बह कोनसी बात है; जो आपको कार्य करने और पहला कदम सफलता की और बढ़ाने से रोक रही है ?



आइए एक-एक करके मुख्य कारणों पर विचार करें -

  हमारे क़दमों को रोकने का पहला और मुख्य कारण हमारा कंफर्ट-जोन से चिपके रहना, और आलश्य तथा डर के साए में इतना खो जाना है; कि हम उसे मन से छोड़ने की हिम्मत ही नहीं कर पाते हैं !

हमें डर होता है कि अगर लगी-लगाई नौकरी भी छूट गई, और नए कार्य में भी ना सफल हो पाए तो क्या होगा ?, अगर मैं छोटा कार्य करूँगा तो लोग क्या कहेंगे ?, अगर मैं नए कार्य में सफल ना हो पाया तो लोग हँसेंगे, आदि-आदि डर ही हमें पहला कदम बढ़ाने से रोकते हैं; जो बिलकुल गलत है ! 

अतः जरा रुक कर बुद्धिमानी के साथ विचार करें; और नए कार्य की तुलना जो चल रहा है उससे करें; तभी आपकी भ्रांतियाँ और डर ख़त्म हो पाएँगे !

ध्यान रखें -- अगर आपके लक्ष्य और योजनाएँ आपकी रूचि, ज्ञान, अनुभवों के अनुरूप है; तो जरूर आप सफल भी होंगे, और इन विशेष कार्यों को करके ही आपको जीवन की वास्तविक ख़ुशी प्राप्त हो पाएगी ! 

  नकारात्मक विचारों-भावनाओं वाले लोगों पर ध्यान देना बंद करें ! ध्यान दें -- ये वे ही असफल-मुर्ख-अभागे-कामचोर लोग हैं; जो ना तो खुद कुछ अच्छा कर पा रहे हैं, और अगर कोई दूसरा आगे बढ़ना चाहता है; तो उनसे जलते-कुढ़ते ही रहते हैं ! तो अब आप ही समझें; कि ऐसे अनाड़ी-मुर्ख लोगों से डरकर आप अपना जीवन क्यों बर्बाद करें ? 

अतः लोगों की बजाय अपने अंतर्मन की आवाज पर पूर्ण योजना के साथ एक छोटी शुरूआत; जितना शीघ्र हो कर दें! तब देखना जैसे-जैसे आप छोटी-छोटी सफलताएं हांसिल करते जायेंगे; आपका आत्म-विश्वास, और जीवन की ख़ुशी-उत्साह बढ़ती ही जाएगी; इनके कारण आप स्वप्रेरित होकर अगले लक्ष्यों को आसानी से हांसिल करते हुए सफलता के शिखर को पा ही लोगे ! 

टालमटोल से बचें और शीघ्र निर्णय लेकर निश्चित योजना बनाकर पूर्ण आत्म-विश्वास के साथ सही समय पर कार्य आरम्भ कर दें ; तभी आप सही समय पर सु-अवसरों का लाभ लेते हुए सही समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर पाएँगे !

मन पर पूर्ण नियन्त्रण रखें ! 

एक बार में एक ही लक्ष्य पर कार्य करें ! कार्यों के बीच लोभ-लालच में पड़कर लक्ष्यों को ना बदलें, और ना ही एक से अधिक लक्ष्यों पर कर करें; तभी आपका पूर्ण मानसिक फोकस एक ही कार्य पर लगकर आपको महान सफलता दिला पाएगा ! 

दृढ़-संकल्पित रहकर आत्म-अनुशासन के साथ योजना का पालन करें; तभी आप समय-सीमा में लक्ष्य हांसिल कर पाएँगे! 

अंत में ध्यान रखें -- 

अगर कार्य करेंगे; तो बीच-बीच में परेशानियाँ आना, कुछ असफलताएं मिलना एक कार्य-प्रक्रिया का हिस्सा ही है; अतः इनसे ना डरें; बल्कि कारणों के समाधानों पर कार्य करके परेशानियाँ दूर करते जाएँ !

कभी भी मन से हार मानकर लक्ष्य ना बदलें; तभी आपका जीवन सुखमय, समृद्धशाली बनेगा; जिसकी ख़ुशी ही आपके जीवन की वास्तविक ख़ुशी होगी !


 

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