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Showing posts from August, 2021

ध्यान l MEDITATION

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ध्यान ( MEDITATION )              हमारे शरीर का पूरा नियंत्रण मष्तिष्क के नियंत्रण में होता है ।  मष्तिष्क का नियंत्रण मन के द्वारा होता है ; यहीं से सारे नियंत्रण सन्देश पुरे तंत्र को जाते हैं  ।           मन को साफ करने का सर्वोत्तम उपाय मैडिटेशन ( ध्यान ) होता है  ।  ध्यान का हमारे अवचेतन मन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनके सयुंक्त प्रभाव से हम सकारात्मक-बोल ( AFFIRMATION ) का उपयोग करके कई आश्चर्यजनक  हल प्राप्त कर सकते हैं  ।      ध्यान मन को शाँत करने की विधि नहीं है ; यह अशांति वाली जगह , कारणों से शरीर और आत्मा को अलग करने की विधि है।  ध्यान से हम क्रोध , घृणा , डर वाले कारणों से हट जाते हैं और शांति का अनुभव करते हैं।  ध्यान नकारात्मक विचारों ( मन ) से हट जाने की विधि है।         ध्यान के द्वारा शरीर के चारों और एक ऊर्जा चक्र का निर्माण होता है ; जिनमें सृजित विश्व-शक्ति के उपयोग द्वारा शरीर के सारे रोग , दोष दूर हो जाते हैं , शरी...

मन को कैसे नियंत्रित करें l HOW TO CONTROL MIND l नकारात्मक्त विचार कैसे दूर करें ?

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मन को कैसे नियंत्रित करें    दृढ-इच्छाशक्ति      जब हम अपने विचारों ( मन ) पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं तो हम खुद के ही विचारों,भावनाओं लड़ रहे होते हैं ; हम खुद की क्षमताओं पर ही संदेह करने लग जाते हैं।       इस स्थिति में नकारत्मक विचारों को छाँटने व विशिष्ट विचारों को अपनाने में स्वयं को असमर्थ महसूस करते हैं। इससे हमें बैचेनी , निराशा , क्रोध ,आशंकाएँ सताने लगती हैं।       ऐसे समय हमें  सकारात्मक सोच  के साथ विचारों को परखना चाहिए और कोई निर्णय सोच-समझ के बाद लेना चाहिए। विचारों पर नियंत्रण करें और  नकारात्मक विचारों  को विवेक ,धैर्य के साथ सकारात्मक दिशा में बदलने का प्रयास करें।       अगर हम दृढ-इच्छाशक्ति के साथ खुद को समय देकर विचारों की नकारात्मकता पर सकारात्मक विचार करेंगे तो धीरे-धीरे सब सामान्य होता जायेगा ; समय के साथ-साथ हम अधिक संतुलित व  आत्मविश्वास  से भर जायेंगे।       मन ( नकारात्मक विचार ) चंचल होता है ,नकारात्मक विचारों से ही मन बनता...

मन l मन क्या है? l विचार और मन का सम्बन्ध l MIND l विचार l मन पर नियंत्रण

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मन , MIND , मन क्या है ?   मन           हम अक्सर यह शब्द सुनते और कहते रहते हैं कि - " उलझा हुआ मन " , " CONFUSED MIND ", भ्रम , " मन की सफाई " , " भ्रमित चित्त " , " मन की ताजगी ", " खुश मन - दुखी मन ", " अशांत मन "।       आखिर ये मन क्या है ? और मन खुश - दुखी या शांत - अशांत कैसे और क्यों होता है ?      क्या हममें से किसी ने मन को देखा है ? नहीं ना ?  तो फिर हम मन के बारे में ही क्यों ज्यादा सोचते-समझते रहते हैं ? क्यों हम अपनी हर परेशानी और समस्याओं को मन से जोड़ देते हैं ? इन सब पर विचार करके ही हम मन और विचारों के बारे में जान सकते हैं।       मन कोई चीज़ या वस्तु नहीं है जिसे देखा या छुआ जा सके। मन होता ही नहीं है ; हम हमारे उलझे हुए विचारों और उलझी हुई भावनाओं का सम्बन्ध मन से करने की भूल करते हैं।       मन कभी भी उलझा हुआ नहीं होता , उलझे हुए होते हैं तो हमारे विचार होते हैं।       अगर हम विचारों को सकारात्मक कर लें और सारी समस्याओं को सुल...