Tuesday, August 24, 2021

ध्यान l MEDITATION

ध्यान ( MEDITATION )




       
    हमारे शरीर का पूरा नियंत्रण मष्तिष्क के नियंत्रण में होता है मष्तिष्क का नियंत्रण मन के द्वारा होता है ; यहीं से सारे नियंत्रण सन्देश पुरे तंत्र को जाते हैं  

        मन को साफ करने का सर्वोत्तम उपाय मैडिटेशन ( ध्यान ) होता है 
 ध्यान का हमारे अवचेतन मन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनके सयुंक्त प्रभाव से हम सकारात्मक-बोल ( AFFIRMATION ) का उपयोग करके कई आश्चर्यजनक  हल प्राप्त कर सकते हैं 

    ध्यान मन को शाँत करने की विधि नहीं है ; यह अशांति वाली जगह , कारणों से शरीर और आत्मा को अलग करने की विधि है। 

ध्यान से हम क्रोध , घृणा , डर वाले कारणों से हट जाते हैं और शांति का अनुभव करते हैं। 

ध्यान नकारात्मक विचारों ( मन ) से हट जाने की विधि है।  

    ध्यान के द्वारा शरीर के चारों और एक ऊर्जा चक्र का निर्माण होता है ; जिनमें सृजित विश्व-शक्ति के उपयोग द्वारा शरीर के सारे रोग , दोष दूर हो जाते हैं , शरीर में नई उमंग ,नई स्फूर्ति, चेतना ,उत्साह का आभास होता है  हमें विवेक व ज्ञान की प्राप्ति होती है 

        ध्यान का सभी धर्मों में एक ही अर्थ होता है ; जिसका उद्देश्य है - शरीर की शुद्धि के लिए प्राण-वायु का शरीर में प्रवेश करना व् एकाग्रता , उत्साह की पूर्ति करना 
 

ध्यान की प्रारंभिक अवस्था में निम्न मुख्य चरण होते हैं :--


१. सुबह जल्दी उठना और गहरी साँस लेना 
    इससे नींद कम होगी ; लेकिन नींद गहरी होगी और सुखमय लगेगी 

२. भोजन हल्का लें 

३. सांसों  पर एकाग्रता बनाये रखें 

४. इन्द्रिय उपवास करें :
     मौन रहें / ऑंखें बंद रखें / कान बंद रखें 

     इन क्रियाओं से शक्ति में बृद्धि होगी , ध्यान एकाग्र होगा 

५. ध्यान के पूरे समय प्रसन्न  ( happy ) रहें , हसें , उत्साहित  मगन रहें 
 

उपरोक्त में निपुण होने पर हम  ध्यान की साधना कर सकते हैं 

 इसमें साधना तीन चरणों में पूर्ण होती है :--


१. समर्पण का भाव - गहरी साँस लें ,सांसों पर पूरा ध्यान एकाग्रः करें I (ये क्रिया १० मिनट करें )

२. स्वीकार्यता  का भाव - सभी चीजें ,परिस्थितियां ,वातावरण जैसे हैं ; वैसे ही स्वीकार करें  और ध्यान लगाएं ।    
    ( ये क्रिया 10 मिनट करें ) 

३. मृत्यु  का भाव ( मिट-जाना , खो-जाना ) - इसमें साधना करते समय भाव रखें ; जैसे तुम मिट गए हो, तुम नए जगत का अनुभव  कर रहे हो ।  इससे तुम्हें बंधन मुक्त ,परेशानी से मुक्त, ख़ुशी ,प्रेम का अनुभव होगा ।  ( ये क्रिया 10 मिनट करें )

उपरोक्त तीनों चरणों में पालथी मारकर , साफ आसन पर बैठ जाएँ  और उपरोक्त क्रियाएं रोज सुबह उठने पर 30 मिनट और रात को सोने से पहले 30 मिनट स्वच्छ एकांत वातावरण में करें 
।  

ध्यान एक तकनीक  है, जिसकी सफलता तुम्हारे विश्वास और लगन पर निर्भर करती है 
। 

ध्यान के लाभ :--


        ध्यान करने से मन हल्कापन महसुस  करता है । 

 एकाग्रता , आत्मविश्वास ,सकारात्मक सोच ,याददास्त , स्वास्थ्य  ,इच्छा-शक्ति में आश्चर्यजनक बृद्धि होती है 
 
ध्यान प्रकृति की वास्तविकता लाने का प्रयास है । 

1. ध्यान से मष्तिष्क की भौतिक व मानसिक अवस्था में परिवर्तन आता है ।

ध्यान से मस्तिष्क के सकारात्मक भाग का आकार बढ़ता है और नकारात्मक भाग का आकार कम हो जाता है । इसी का प्रभाव होता है कि हम अपने को ज्यादा  उत्साहित , एकाग्रचित महसूस  करते हैं । 

    इससे आत्म-विश्वास , सोचने -समझने की क्षमता बढ़ती है। सकारात्मक सोच में बृद्धि होती है। एकाग्रचित्तता बढ़ती है।  

    सकारात्मक सोचने की क्षमता विकसित होने के कारण हम हर घटनाओं और दूसरों की बातों और दूसरों के बारे में सकारात्मक विचार करने लगते हैं ; जिसके परिणामस्वरूप हमारे मन के वहम और डर में कमी आती है। 

    अतः ध्यान को नियमित रूप से करो और जब भी मन में बुरे विचार या डर के भाव आएं ; कुछ पल के लिए शांत-चित्त बैठ जाएँ और ध्यान का अभ्यास करें ; इससे आप में सकारात्मक सोचने की क्षमता बढ़ेगी और तुम सकारात्मक हल खोज लोगे। 

हमारा दिमाग काफ़ी शक्तिशाली होता है अगर हम इसे सकारात्मक सोच के साथ शांतभाव से सोचने का मौका दें तो। अतः ध्यान को अपनाकर हम अपने डर और अवसाद भरे जीवन को खुशियों से भर सकते हैं। 
WILL POWER increases with meditation; We can also reduce bad habits.
2. ध्यान से मानसिक स्वास्थ में आश्चर्यजनक बृद्धि होती है ,सकारात्मक भवनाओं को बल मिलता है l भय , चिंता , तनाव से राहत मिलती है I प्रेम के भाव जाग्रत होते हैं , क्रोध के आवेग में कमी आती है I हमें नई ऊर्जा , शक्ति , आत्म-विश्वास  की अनुभूति होती है l वातावरण भयमुक्त लगता है l 
ध्यान से इच्छाशक्ति ( WILL POWER ) बढ़ती है ; हम बुरी आदतें भी कम कर सकते हैं l

3. ध्यान से शरीर में METABOLISM की मात्रा नियंत्रित होती है ; जिसके परिणामस्वरूप हमारे भार को कम या ज्यादा ( OVER-WEIGHT / UNDER- WEIGHT ) कर सकते हैं l

4. ध्यान करने से खून में मौजूद C-REACTIVE PROTEIN की मात्रा में कमी आती है ; जिसके फलस्वरूप उच्च-रक्तचाप (HIGH BP), हृदय से सम्बंधित कई बिमारिओं के इलाज संभव है l

 CARTISOL कम होगा ; जिससे तनाव दूर होंगे ,नींद में भी राहत मिलेगी l 

5. ध्यान से त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं ; आयु के प्रभाव में कमी ( SLOW AGING ) , चेहरे की चमक बढ़ती है, ख़ुशी में बृद्धि होगी l चिड़चिड़ापन कम होगा l तन-मन क्रियाशील होंगे , नई ऊर्जा का संचार होगा l हार्मोन्स भी  संतुलित होंगे ;जिससे शरीर के संतुलित विकास में बृद्धि होगी l









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