Tuesday, April 21, 2020

सकारात्मक दृष्टिकोण l POSITIVE ATTITUDE

      

सकारात्मक दृष्टिकोण  ( POSITIVE ATTITUDE )



सकारात्मक दृष्टिकोण  ( POSITIVE ATTITUDE ) मन की एक स्थिति है ,जो अनुकूल परिणाम की अपेक्षा करता है ; जहां असंभव और डर की कोई गुंजाइस नहीं होती है l  सकारात्मक दृष्टिकोण  ( POSITIVE ATTITUDE ) का अर्थ है - सकारात्मक सोच , इसमें सकारात्मक मानसिकता होगी ; किसी भी काम को संभव करने की और विचार करने का भी सकारात्मक नजरिया होगा l  हम किसी भी काम को करने से पहले उसके सकारात्मक परिणाम और सकारात्मक लक्ष्य के बारे में ही सोचेंगे ; न कि उनको करने में आने वाली परेशानियों और अनचाहे डर के बारे में सोच कर डरना शुरू कर देंगे l हमारी सोच होगी - " हाँ में कर सकता हूँ " , " इसे करना कोई असंभव नहीं है " l  इसमें नकारात्मक सोच , अपनी क्षमता में अविश्वास ,डर को कोई जगह नहीं होगी l 

        सकारात्मक दृष्टिकोण से हमें सही दिशा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने कि प्रेरणा मिलती है , हमारा व्यक्तित्व सकारात्मक होगा l जीवन में ख़ुशी और प्रगत्ति के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है l इससे हमारे जीवन , वातावरण , हमारे साथ काम और सहयोग देने वालों में आशा , उत्साह , विश्वाश होगा ; परिणामस्वरूप  हम असंभव को संभव बना सकते हैं l इससे हमें आत्मशक्ति मिलती है , जिसके कारण कोई रूकावट हमें आगे बढ़ने से रोक नहीं सकेगी l हम सकारात्मक सोच , प्रयास से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल होंगे l इसमें विश्वास होगा कि सब कुछ अच्छा ही होगा ,इसमें हम लोगों में अच्छाई देखेंगे , उनके बारे में नकारात्मक सोच नहीं होगी l सकारात्मक दृष्टिकोण हमें अवसरों को देखने और पहचानने में हमारी मदद करेगा l हम सफलता के प्रति आशावादी होंगे l इसमें हमें सब कुछ आसान व संभव लगेगा l इसमें हमारा आचरण होगा अच्छे लोगों को साथ लेकर चलने का , हम चारों ओर खुशी का अनुभव करेंगे l 

         जब हमारी सोच नकारात्मक होती है तो असफलता की सम्भावना बढ़ जाती है ,हम अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लग जाते हैं ,हमारा आत्मविश्वास भी कम होने लगता है l इसलिए कार्य की सफलता के लिए नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण करना होगा l 

         इसमें हम पिछली ग़लतिओं ,असफलताओं से सीखते हैं ,अपनी कमजोरिओं और असफलता  के कारणों को सकारात्मक सोच के साथ स्वीकार करते हैं ; उन कारणों का सकारात्मक समाधान करके आगे बढ़ते हैं ; न कि अतीत कि कठिनाइओं पर ध्यान केंद्रित करके निराशा व डर के कारण नीरस होकर , हिम्मत ही हारकर बैठ जाते हैं l 
हम कठिनाइओं को एक चुनौती  के रूप में लेंगे और आत्मविश्वास व आत्मसम्मान  के साथ उनका समाधान करके कार्य की सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे l 

हम अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करके जीवन को बदल सकते हैं , सफल हो सकते हैं l सर्वश्रेष्ठ करने के लिए तुम्हें नकारात्मक सोच को सकारात्मक में बदलना ही होगा , आत्मविश्वास रखना होगा - अपने आप पर और अपनी काबिलियत पर l 



        निम्न कुछ बातें हैं , जिनका ध्यान रखें तो हम अपने व्यक्तित्व ( PERSONALITY) में , सकारात्मक दृष्टिकोण ( POSITIVE ATTITUDE) में परिवर्तन लाकर जीवन में सारी सफलताएं और खुशियां प्राप्त कर सकते हैं  :--




1 . अपने से छोटों की सही बातों का सम्मान करना चाहिए और बड़ों की सलाह को मानना चाहिए l     
     छोटी-छोटी बातों पर क्रोध व झगड़ा नहीं करें और विचार करें कारणों पर l 
     लोगों से वही व्यव्हार करो जो तुम दूसरों से अपने लिए चाहते हो ,तभी तुम सम्मान प्राप्त कर सकते 

     होl
     विनम्र बनें , चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक व मुश्कान लाएं , बोलचाल में सभ्यता का परिचय दें l
     अह्म (EGO) को हद से ज्यादा प्रदर्शित न करो l 


2.  तुम्हें दूसरों से विशेष होने के प्रयास करने चाहिए l दूसरों को नहीं देखें ,अपने में सकारात्मक परिवर्तन      लाएँ lतुम्हारा रहन - सहन , बातचीत का तरीका, तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरों से अलग होना चाहिए l   
     अगर कोई तुम्हें आदर व सम्मान दे रहा है तो, तुम भी उनके बन जाओ और उनको दिल से सम्मान          और आदर दो l उन्हें अपमानित और नज़रअंदाज़ मत करो l तुम अपने अच्छे व्यव्हार व विश्वास से            उनके दिल जीत सकते हो l
     इन सबसे तुम्हारा सम्मान व आत्म-गौरव बढ़ेगा l 

 3. कोई भी कार्य जल्दबाजी में न करें l कार्य की सफलता और उनकी अच्छाई-बुराई के बारे में सब              समझकर ही कार्य करें l हर कार्य की सफलता समय व समर्पण मांगती है अतः सब्र व धैर्य रखो ,              कार्य की सफलता तक l

4 .  ईमानदार बनो पर इस्तेमाल मत होने दो l प्रेम करो पर खुद पर ठेस न लगने दो , विश्वास करो पर             भोले न बनो l दूसरों की सुनो पर अपनी आवाज मत खोने दो l 

5 . कभी भी किसी की चालाकी का शिकार न हो l 

6 . कभी भी किसी को बिना मांगे सुझाव न दो l कोई आपसे बात करने में रूचि न दिखाए तो उसे छोड़        दो l अपनी अहमियत को समझो l 

7 . खुद पर और अपनी काबिलियत पर भरोसा करो ; कभी किसी दूसरों पर निर्भर मत हों l सकारात्मक      सोच रखो और खुद पर आत्मविश्वास रखो l न किसी को खास बनाओ और न ही किसी के खास              बनकर रहो l जहां  तक संभव हो कुछ ही खास दोस्त रखें l 

8 .  फिजूल की वहस और लड़ाई-झगड़ों से दूर ही रहें ; इनसे तुम्हारा समय वर्वाद होगा और तुम्हारा              ध्यान सकारात्मक कार्यों से भटक जायेगा और मन में अशांति का जन्म होगा l समाधान बातचीत से        निकालें , वहस से नहीं l 

9 . अपने को मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाओ l जीवन व सफलता के बारे में सकारात्मक सोच              रखोl
     अपने को सफल बताना बंद करो ; तुम्हारी सफलता तुम्हारे कार्य व तुम्हारे उत्साह से दिखनी चाहिए ;      न कि तुम्हें  बताना पड़े l  वस , तुम अपने को योग्य बनाओ , दुनिया तुम्हारे पीछे होगी l तुम्हें अपने            प्रगत्ति के पथ पर रुकना नहीं है, आगे बढ़ते जाना है l  

10 . तुम्हें तुम्हारे बीते समय पर ध्यान नहीं देना है , वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करो ,अपनी सफलताओं के          लक्ष्यों के बारे में विचार करो , आने वाली अनचाही दिक्कतों के बारे में सोच-सोच कर निराश नहीं            होना है l अगर कुछ समस्याऍ आएँगी तो तब आत्मविश्वास के साथ समाधान भी करेंगे पर ; निराश          होकर अपने लक्ष्यों को परिवर्तित नहीं करना है l 

11 . दूसरों की सफलताओं पर जलना नहीं है , उनको उनकी सफलताओं पर बधाई दो ,हो सके तो                  उनकी मदद भी करो l ऐसा करने पर वे भी तुम्हारे हो जायेंगे ,तुम्हारी सफलता में सहायक भी l 

12 . कभी तुम्हारी असफलताओं के लिए किसी और को दोष न दो l कभी भी अपनी तुलना दूसरों से न            करो ,जो करना है तुम्हें ही तुम्हारे आत्मविश्वास व लगन और मेहनत के बल पर करना है l अपनी              ख़ुशी व सफलता अपने में खोजो , दूसरों में नहीं l 

13 . समय बर्वाद न करें l काम पर ध्यान दें , समय के पाबंद रहें l कभी भी अति-उत्साही  भी न हों ,                  सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ो l खुद पर पूरा भरोसा रखो l 

14 . असफलताओं  से भी सकारात्मक विचार के साथ सीखो l भीड़ की नक़ल न करें ,मन की करें l 

15 . हमेशा कम बोलें और दूसरों की ज्यादा सुनें ,इससे तुम्हें काफी सिखने को मिलेगा और दूसरों पर              तुम्हारे  अच्छे व्यक्तित्व का असर होगा l 

16 . अपने व्यक्तित्व के विकास पर ध्यान दें l तुम्हारे बोलचाल का तरीका , शारीरिक हाव-भाव (body -          language) शालीन और आत्मविश्वास व उत्साह से पूर्ण हों l बातचीत में ऑंखें मिलाकर बात करें ,              तुम्हारे चेहरे के हाव-भाव हसमुख और आकर्षक हों l भावनाओं के साथ बोलें l




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