सकारात्मक दृष्टिकोण ( POSITIVE ATTITUDE )
सकारात्मक दृष्टिकोण ( POSITIVE ATTITUDE ) मन की एक स्थिति है ,जो अनुकूल परिणाम की अपेक्षा करता है ; जहां असंभव और डर की कोई गुंजाइस नहीं होती है l सकारात्मक दृष्टिकोण ( POSITIVE ATTITUDE ) का अर्थ है - सकारात्मक सोच , इसमें सकारात्मक मानसिकता होगी ; किसी भी काम को संभव करने की और विचार करने का भी सकारात्मक नजरिया होगा l हम किसी भी काम को करने से पहले उसके सकारात्मक परिणाम और सकारात्मक लक्ष्य के बारे में ही सोचेंगे ; न कि उनको करने में आने वाली परेशानियों और अनचाहे डर के बारे में सोच कर डरना शुरू कर देंगे l हमारी सोच होगी - " हाँ में कर सकता हूँ " , " इसे करना कोई असंभव नहीं है " l इसमें नकारात्मक सोच , अपनी क्षमता में अविश्वास ,डर को कोई जगह नहीं होगी l
सकारात्मक दृष्टिकोण से हमें सही दिशा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने कि प्रेरणा मिलती है , हमारा व्यक्तित्व सकारात्मक होगा l जीवन में ख़ुशी और प्रगत्ति के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है l इससे हमारे जीवन , वातावरण , हमारे साथ काम और सहयोग देने वालों में आशा , उत्साह , विश्वाश होगा ; परिणामस्वरूप हम असंभव को संभव बना सकते हैं l इससे हमें आत्मशक्ति मिलती है , जिसके कारण कोई रूकावट हमें आगे बढ़ने से रोक नहीं सकेगी l हम सकारात्मक सोच , प्रयास से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल होंगे l इसमें विश्वास होगा कि सब कुछ अच्छा ही होगा ,इसमें हम लोगों में अच्छाई देखेंगे , उनके बारे में नकारात्मक सोच नहीं होगी l सकारात्मक दृष्टिकोण हमें अवसरों को देखने और पहचानने में हमारी मदद करेगा l हम सफलता के प्रति आशावादी होंगे l इसमें हमें सब कुछ आसान व संभव लगेगा l इसमें हमारा आचरण होगा अच्छे लोगों को साथ लेकर चलने का , हम चारों ओर खुशी का अनुभव करेंगे l
जब हमारी सोच नकारात्मक होती है तो असफलता की सम्भावना बढ़ जाती है ,हम अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लग जाते हैं ,हमारा आत्मविश्वास भी कम होने लगता है l इसलिए कार्य की सफलता के लिए नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण करना होगा l
इसमें हम पिछली ग़लतिओं ,असफलताओं से सीखते हैं ,अपनी कमजोरिओं और असफलता के कारणों को सकारात्मक सोच के साथ स्वीकार करते हैं ; उन कारणों का सकारात्मक समाधान करके आगे बढ़ते हैं ; न कि अतीत कि कठिनाइओं पर ध्यान केंद्रित करके निराशा व डर के कारण नीरस होकर , हिम्मत ही हारकर बैठ जाते हैं l
हम कठिनाइओं को एक चुनौती के रूप में लेंगे और आत्मविश्वास व आत्मसम्मान के साथ उनका समाधान करके कार्य की सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे l
हम अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करके जीवन को बदल सकते हैं , सफल हो सकते हैं l सर्वश्रेष्ठ करने के लिए तुम्हें नकारात्मक सोच को सकारात्मक में बदलना ही होगा , आत्मविश्वास रखना होगा - अपने आप पर और अपनी काबिलियत पर l
सकारात्मक दृष्टिकोण से हमें सही दिशा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने कि प्रेरणा मिलती है , हमारा व्यक्तित्व सकारात्मक होगा l जीवन में ख़ुशी और प्रगत्ति के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है l इससे हमारे जीवन , वातावरण , हमारे साथ काम और सहयोग देने वालों में आशा , उत्साह , विश्वाश होगा ; परिणामस्वरूप हम असंभव को संभव बना सकते हैं l इससे हमें आत्मशक्ति मिलती है , जिसके कारण कोई रूकावट हमें आगे बढ़ने से रोक नहीं सकेगी l हम सकारात्मक सोच , प्रयास से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल होंगे l इसमें विश्वास होगा कि सब कुछ अच्छा ही होगा ,इसमें हम लोगों में अच्छाई देखेंगे , उनके बारे में नकारात्मक सोच नहीं होगी l सकारात्मक दृष्टिकोण हमें अवसरों को देखने और पहचानने में हमारी मदद करेगा l हम सफलता के प्रति आशावादी होंगे l इसमें हमें सब कुछ आसान व संभव लगेगा l इसमें हमारा आचरण होगा अच्छे लोगों को साथ लेकर चलने का , हम चारों ओर खुशी का अनुभव करेंगे l
जब हमारी सोच नकारात्मक होती है तो असफलता की सम्भावना बढ़ जाती है ,हम अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लग जाते हैं ,हमारा आत्मविश्वास भी कम होने लगता है l इसलिए कार्य की सफलता के लिए नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण करना होगा l
इसमें हम पिछली ग़लतिओं ,असफलताओं से सीखते हैं ,अपनी कमजोरिओं और असफलता के कारणों को सकारात्मक सोच के साथ स्वीकार करते हैं ; उन कारणों का सकारात्मक समाधान करके आगे बढ़ते हैं ; न कि अतीत कि कठिनाइओं पर ध्यान केंद्रित करके निराशा व डर के कारण नीरस होकर , हिम्मत ही हारकर बैठ जाते हैं l
हम कठिनाइओं को एक चुनौती के रूप में लेंगे और आत्मविश्वास व आत्मसम्मान के साथ उनका समाधान करके कार्य की सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे l
हम अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करके जीवन को बदल सकते हैं , सफल हो सकते हैं l सर्वश्रेष्ठ करने के लिए तुम्हें नकारात्मक सोच को सकारात्मक में बदलना ही होगा , आत्मविश्वास रखना होगा - अपने आप पर और अपनी काबिलियत पर l
निम्न कुछ बातें हैं , जिनका ध्यान रखें तो हम अपने व्यक्तित्व ( PERSONALITY) में , सकारात्मक दृष्टिकोण ( POSITIVE ATTITUDE) में परिवर्तन लाकर जीवन में सारी सफलताएं और खुशियां प्राप्त कर सकते हैं :--
1 . अपने से छोटों की सही बातों का सम्मान करना चाहिए और बड़ों की सलाह को मानना चाहिए l
छोटी-छोटी बातों पर क्रोध व झगड़ा नहीं करें और विचार करें कारणों पर l
लोगों से वही व्यव्हार करो जो तुम दूसरों से अपने लिए चाहते हो ,तभी तुम सम्मान प्राप्त कर सकते
होl
विनम्र बनें , चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक व मुश्कान लाएं , बोलचाल में सभ्यता का परिचय दें l अह्म (EGO) को हद से ज्यादा प्रदर्शित न करो l
2. तुम्हें दूसरों से विशेष होने के प्रयास करने चाहिए l दूसरों को नहीं देखें ,अपने में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ lतुम्हारा रहन - सहन , बातचीत का तरीका, तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरों से अलग होना चाहिए l
अगर कोई तुम्हें आदर व सम्मान दे रहा है तो, तुम भी उनके बन जाओ और उनको दिल से सम्मान और आदर दो l उन्हें अपमानित और नज़रअंदाज़ मत करो l तुम अपने अच्छे व्यव्हार व विश्वास से उनके दिल जीत सकते हो l
इन सबसे तुम्हारा सम्मान व आत्म-गौरव बढ़ेगा l
3. कोई भी कार्य जल्दबाजी में न करें l कार्य की सफलता और उनकी अच्छाई-बुराई के बारे में सब समझकर ही कार्य करें l हर कार्य की सफलता समय व समर्पण मांगती है अतः सब्र व धैर्य रखो , कार्य की सफलता तक l
4 . ईमानदार बनो पर इस्तेमाल मत होने दो l प्रेम करो पर खुद पर ठेस न लगने दो , विश्वास करो पर भोले न बनो l दूसरों की सुनो पर अपनी आवाज मत खोने दो l
5 . कभी भी किसी की चालाकी का शिकार न हो l
6 . कभी भी किसी को बिना मांगे सुझाव न दो l कोई आपसे बात करने में रूचि न दिखाए तो उसे छोड़ दो l अपनी अहमियत को समझो l
7 . खुद पर और अपनी काबिलियत पर भरोसा करो ; कभी किसी दूसरों पर निर्भर मत हों l सकारात्मक सोच रखो और खुद पर आत्मविश्वास रखो l न किसी को खास बनाओ और न ही किसी के खास बनकर रहो l जहां तक संभव हो कुछ ही खास दोस्त रखें l
9 . अपने को मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाओ l जीवन व सफलता के बारे में सकारात्मक सोच रखोl
अपने को सफल बताना बंद करो ; तुम्हारी सफलता तुम्हारे कार्य व तुम्हारे उत्साह से दिखनी चाहिए ; न कि तुम्हें बताना पड़े l वस , तुम अपने को योग्य बनाओ , दुनिया तुम्हारे पीछे होगी l तुम्हें अपने प्रगत्ति के पथ पर रुकना नहीं है, आगे बढ़ते जाना है l
10 . तुम्हें तुम्हारे बीते समय पर ध्यान नहीं देना है , वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करो ,अपनी सफलताओं के लक्ष्यों के बारे में विचार करो , आने वाली अनचाही दिक्कतों के बारे में सोच-सोच कर निराश नहीं होना है l अगर कुछ समस्याऍ आएँगी तो तब आत्मविश्वास के साथ समाधान भी करेंगे पर ; निराश होकर अपने लक्ष्यों को परिवर्तित नहीं करना है l
11 . दूसरों की सफलताओं पर जलना नहीं है , उनको उनकी सफलताओं पर बधाई दो ,हो सके तो उनकी मदद भी करो l ऐसा करने पर वे भी तुम्हारे हो जायेंगे ,तुम्हारी सफलता में सहायक भी l
12 . कभी तुम्हारी असफलताओं के लिए किसी और को दोष न दो l कभी भी अपनी तुलना दूसरों से न करो ,जो करना है तुम्हें ही तुम्हारे आत्मविश्वास व लगन और मेहनत के बल पर करना है l अपनी ख़ुशी व सफलता अपने में खोजो , दूसरों में नहीं l
13 . समय बर्वाद न करें l काम पर ध्यान दें , समय के पाबंद रहें l कभी भी अति-उत्साही भी न हों , सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ो l खुद पर पूरा भरोसा रखो l
14 . असफलताओं से भी सकारात्मक विचार के साथ सीखो l भीड़ की नक़ल न करें ,मन की करें l
15 . हमेशा कम बोलें और दूसरों की ज्यादा सुनें ,इससे तुम्हें काफी सिखने को मिलेगा और दूसरों पर तुम्हारे अच्छे व्यक्तित्व का असर होगा l
16 . अपने व्यक्तित्व के विकास पर ध्यान दें l तुम्हारे बोलचाल का तरीका , शारीरिक हाव-भाव (body - language) शालीन और आत्मविश्वास व उत्साह से पूर्ण हों l बातचीत में ऑंखें मिलाकर बात करें , तुम्हारे चेहरे के हाव-भाव हसमुख और आकर्षक हों l भावनाओं के साथ बोलें l
मुझे आपके बहुमूल्य सुझावों और विचारों की प्रतीक्षा है। कृपया मुझे आपके के बीच मूल्यवान ज्ञान देने के अपने प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए समर्थन दें।
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👌 V. V. Nice post
ReplyDeleteThanks so much 🙏
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