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Showing posts from November, 2022

विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं I

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 विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं l CONTROL YOUR BREATHING TO CONTROL MIND  हाँ ! मस्तिष्क से उठे तरह-तरह के अलग-अलग विचारों का जाल ही मन है I  मन अस्तित्वहीन है; जिसे हम दिल की गहरी भावनाओं के साथ जोड़कर खुश भी होते रहते हैं, या कभी कभी इतने दुखी, और निराश भी हो जाते हैं कि सब कुछ अशांत-दुखी, और बैचेन हो जाता है I  अतः; अगर आपको हर क्षण ख़ुशी-शांति, और तरक्की को अनुभव करते हुए पूर्ण स्वस्थ और सुखमय जीवन चाहिए-- तो स्वयँ को समझना, और स्वयँ को समय देकर अपने अंतर्मन की भावनाओं-विचारों, और तीब्र-इच्छाओं को विवेकशीलता के साथ समझना शुरू कर दो I  मन के जाल में ना फँसो; बल्कि बुद्धि का उपयोग करें, और मन में चल रहे विचारों का आत्मावलोकन शाँति, और धैर्य बनाए रखते हुए करें; तभी आप सही निष्कर्षों पर पहुँच कर सही निर्णय ले पाएँगे I  इससे हर कार्य सफ़ल भी होंगे, और आप हर प्रकार के तनाबों, तथा चिंताओं से भी बचे रहेंगे I मन क्या है ? ख़ुशी के साथ तनाबमुक्त सफलता पाने का रहस्य ● निम्न हिंदी वीडियो आपके लिए हितकर होंगे; कृपया चिंतन-मनन के साथ उपय...

ख़ुशी के साथ सफलता कैसे पाएँ ? l सफ़लता के लिए खुश रहना जरूरी है l ख़ुशी और सफ़लता l ख़ुशी l सफ़लता

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  ख़ुशी  के साथ सफलता कैसे पाएँ ? ( ख़ुशी और सफ़लता एक दूसरे के पूरक हैं l ) *  सफ़लता के लिए खुश रहना जरूरी है।   ख़ुशहाल व्यक्तित्व के साथ बातचीत  जब तक आप ख़ुश नहीं रहेंगे ; तब तक सफ़ल होना असंभव ही होगा। सफ़ल होना है; तो हर छोटी - छोटी बातों में ख़ुश रहना सीख़ लो। *  ख़ुशी के साथ - साथ सफ़लता सुखदायी होती है। लेकिन सफ़लता के साथ - साथ स्वास्थ्य भी जरूरी है ; अन्यथा सफ़लता के सुःख से बंचित ही रहोगे। *  जिस भी काम को करने से मन को सकून मिले ; उसे ही करने से जीवन की वास्तविक ख़ुशी मिलती है। *  बिना अच्छे स्वास्थ्य , सुखी - खुशहाल परिवार , बिना इज्ज़त - मान सम्मान के धन - दौलत या बड़ी - बड़ी सफ़लताओं का जीवन में कोई महत्व नहीं रह जाता है। ख़ुद के साथ-साथ परिवार को समय देकर ही चिंता-मुक्ति के साथ-साथ ख़ुशियाँ बढ़ाई जा सकती हैं।  काम कभी ख़त्म नहीं होने वाले हैं; अतः इनके साथ-साथ अपनी ख़ुशियाँ कभी कम या ख़त्म ना होने दें।  *  ख़ुश रहकर ही आप सकारात्म...

सकारात्मक सोच से ही सफलता मिलती है l सकारात्मकता से चिंता-मक्त रहना सीखो l सफलता का महा-मंत्र

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  सकारात्मक सोच , सकारात्मक दृष्टिकोण ( Positive Thinking, Positive Attitude ) सकारात्मकता से शाँति        " विषम परिस्थितियों में भी संयम और धैर्य बनाए रखना सकारात्मकता होती है।"      जब हम सकारात्मक होते हैं तो कठिन से कठिन परिस्थिति के हल आत्म - विश्वास , धैर्य और शांति के साथ निकालने में सक्षम होते हैं।      विपरीत परिस्थिति में भी धैर्य और संयम बना रह सकता है ; अगर हम परिस्थितियों और घटनाओं को सकारात्मकता और सूझबूझ के साथ हल करने की भावना रखते हैं। अगर हम विपरीत परिस्थिति में धैर्य खो देंगे तो समस्या कम होने की जगह और बढ़ जाएगी और हमें परेशानियों का सामना ही करना होगा। अतः सकारात्मक रहने से ही हम खुश रह कर शाँति के साथ   प्रगत्ति कर सकते हैं। सकारात्मकता तभी आती है ; जब हम किसी चीज़ , घटना , व्यक्ति में उनकी बुराई की जगह अच्छाई को ढूंढते हैं। सकारात्मकता तभी आती है ; जब हम अच्छे विचार और भावनाए...