ध्यान किया नहीं जाता है ध्यान तो ख़ुद लग जाता है l Meditation Is The Automatic Process l How Meditate l Dhyan Avastha

प्राण वायु से ऊर्जा प्रवाह 

ध्यान किया नहीं जाता है; ध्यान तो ख़ुद लग जाता है !

ध्यान एक स्वतः प्रक्रिया है जो स्वतः ही घटित होती है !

ध्यान किया नहीं जाता है; ध्यान तो ख़ुद लग जाता है ! 
ध्यान को जबरदस्ती साधने की चेष्टा या हट करने से कभी नहीं साधा जा सकता है; ध्यान बहुत सुगम प्रक्रिया है; जो चेतन अवस्था में किसी भी क्षण हो सकती है !

ध्यान तभी लगता है; जब आप किसी भी एक चीज पर, या शब्द, और बात में इतना खो जाएँ कि आप अन्य हर जगह, विचारों, चीजों, समय के बोध से अलग हो जाएँ ! 
ऐसा हम बल पूर्वक चाह कर भी नहीं कर सकते हैं- ऐसा तभी हो सकता है; जब हम सभी बातों, चीजों, विचारों को साक्षी भाव के साथ आने-जाने दें, उन पर कोई ध्यान ही ना दें, और ना ही कोई प्रतिक्रिया दें- बस हमारे ध्यान का फोकस एक ही चीज या विचार पर होना चाहिए, और कभी यह ना सोचें कि कब हम ध्यान अवस्था में जाएँगे- तब ऐसा कुछ विशेष स्वतः ही घटित होगा कि आप स्वतः ही विचार शुन्य अवस्था में आ जाएँगे- और यही आपकी गहन ध्यान की अवस्था होगी ! 

यह घ्यान हमें वह ख़ुशी, सामर्थ्य प्रदान करेगा; जिसकी कल्पना मात्र से हमारे सभी दुःख-दर्द समाप्त होकर हमारे आत्म-विश्वास को चरम पर पहुंचा देंगे !

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