हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है l PRAN VAYU l PRAN URJA l PRANAYAM l YOGA
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7 CHAKRA |
हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है !
हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है !
अगर शरीर के हर अंग कोशिकाओं और नस-नाड़ियों तक आवश्यक अनुपात में प्राण-ऊर्जा सही समय पर ना पहुँच पाए; तो शरीर में कई प्रकार के रोग और विकार उत्पन्न हो जाएँगे; जिनका बुरा असर हमारे मानसिक स्तर शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर पड़ेगा !
हमारे शरीर की 72000 नाड़ियाँ हमारे शरीर के रीढ़ पर स्थित 7 मूल चक्रों ( वैसे 10 चक्र हैं- लेकिन मूल चक्र 7 हैं - मूलाधार चक्र , स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , आज्ञा चक्र , सहस्त्रात चक्र ) से जुड़ी होती हैं, और कुण्डली बनाकर स्थिरता प्राप्त करती हैं !
हमारा मूलाधार चक्र शरीर का ऊर्जा केन्द्र होता है; जहाँ से ऊर्जा ऊर्ध्वागमन करती हुई इन बाकी 6 चक्रों ( स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , सहस्त्रात चक्र ) तक पहुँच सकती है !
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