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खेचरी मुद्रा क्या है l खेचरी मुद्रा के अद्भुत फायदे l Kriya Yoga Or Khechari Mudra

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 खेचरी मुद्रा क्या है ? खेचरी मुद्रा के अद्भुत फायदे ! खेचरी अवस्था  खेचरी मुद्रा से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक फ़ायदे उज्जायी प्राणायाम के साथ खेचरी मुद्रा करने पर अधिक शीघ्र प्राप्त किए जा सकते हैं !  खेचरी मुद्रा के साथ ध्यान, और प्राणायाम अभ्यास करने पर लाभों का प्रभाव बढ़ जाता है ! यह किया-योग की विशेष मुद्रा है; जिसके बिना क्रिया-योग पूर्णता को प्राप्त नहीं होता है !  क्रिया-योग में शाम्भवी मुद्रा के साथ खेचरी मुद्रा लगाकर ध्यान साधना करने पर साधक को शीघ्र सिद्धि पाना संभव है !  ●● पूर्ण जानकारी के लिए निम्न वीडियो सुनें, और अभ्यास करें; आपको शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ अवश्य प्राप्त होंगे :-

आपके तीव्र-विचार और भावनाएँ ही आपके भविष्य का निर्माण करते हैं l

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आपके तीव्र-विचार और भावनाएँ ही आपके भविष्य का निर्माण करते हैं ! Be Focus On Goal With Self-confidence & Happiness To Get Success 🙌    जैसा तुम बार-बार सोचोगे, चिन्तन-मनन करते रहोगे, तथा जैसे विचार, और भावनाएँ आप दूसरों, और स्वयं के बारे में रखेंगे-- उन सबके सम्मिलित परिणाम ही आपके जीवन में जाने या अनजाने; अर्थात चाहे या ना चाहे भी उसी प्रकार का जीवन और प्रभाव आपका बनता चला जाएगा ! अतः; अगर जीवन में महान सफलताएँ, ख़ुशी-समृद्धि, सुख-शांति चाहिए-- तो सकारात्मक सोच, और भावनाओं के साथ निरन्तर सही दिशा में आत्म-विश्वास, और उत्साह के साथ कार्य करते रहें-- तब सब कुछ स्वतः ही आपके साथ अच्छा, और सहायक होता चला जाएगा !  यही प्रकृत्ति, और ब्रह्माण्ड का विशेष नियम है; जिसके अनुसार ही अवचेतन मन के विचार, भावनाएं आपके लिए परिणाम आपके जीवन में लेकर आता है ! ●● RELATED IMPORTANT HINDI VIDEO:- 1.  2.  3.  4.  Thanks So Much 🙏  All The Best 👍 

आप कभी भी बीमार नहीं पड़ोगे अगर आपने अपनी 24 घण्टे चल रही सांसों को साधना सीख लिया l Deep Breathing l Health Care l Healthy Life l IKIGAI

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DEEP BREATHING  आप कभी भी बीमार नहीं पड़ोगे; अगर आपने अपनी 24 घण्टे चल रही सांसों को साधना सीख लिया ! यह एक वैज्ञानिक प्रमाणित तथ्य है कि कोई भी प्राणी जो सांसों को नाभि तक गहरी-लम्बी लेगा और जितना धीमा साँस बाहर ज्यादा समय ख़र्च करते हुए छोड़ेगा; उसकी आयु उतने गुणा ही बढ़ती जाएगी ! लम्बी-गहरी नाभि तक ली गई प्रत्येक सांस सीधे हमारी नाड़ियों तक पहुंचकर हमारी प्रत्येक कोशिकाओं को सही मात्रा में पोषित और ऊर्जावान बना सकती है ! इसके साथ ही ज्यादा देर में धीमी गति से साँस छोड़ने से शरीर में प्राणवायु लेने के लिए वैक्यूम बनेगा, और हम अधिक प्राणवायु लेने की योग्यता हाँसिल करेंगे, और शरीर में भरपूर प्राणवायु प्राण-ऊर्जा के रूप में एकत्रित होगी; इससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तथा शरीर के खून में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ेगा; जिनके फलस्वरूप शरीर स्वस्थ और शक्तिशाली बनता चला जाएगा ! जितना ज्यादा समय साँस लेने और छोड़ने का होगा उतना ही हमारी स्वास की दर कम होगी; जिसका सुफल हमारी दीर्धायु होगी !  ● इसका उदाहरण हमें जापानियों में मिलता है; जो लम्बी-गहरी साँस लेते हैं, और ज्यादा देर में धीमी गति ...

You Will Never Fall Sick If You Learn To Control Your Breathing Which Goes On For 24 Hours

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DEEP BREATHING  You Will Never Fall Sick-- If You Learn To Control Your Breathing; Which Goes On For 24 Hours.  You will never fall sick if you learn to control your breathing; which goes on for 24 hours.    It is a scientifically proven fact that any living being who takes long deep breaths till the navel and exhales slowly spending more time in exhaling, his lifespan will increase manifold.  Every deep breath taken till the navel can directly reach our nerves and nourish and energize each of our cells in the right quantity.  Along with this, by exhaling slowly for a longer time, a vacuum will be created in the body to inhale prana, and we will gain the ability to inhale more prana, and plenty of prana will accumulate in the body in the form of prana energy.  This will increase the immunity of the body and the level of oxygen in the blood of the body will increase, as a result of which the body will become healthy and strong.  UNIVERSAL POWER TO ...

हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है l PRAN VAYU l PRAN URJA l PRANAYAM l YOGA

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7 CHAKRA  हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है ! हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है ! अगर शरीर के हर अंग कोशिकाओं और नस-नाड़ियों तक आवश्यक अनुपात में प्राण-ऊर्जा सही समय पर ना पहुँच पाए; तो शरीर में कई प्रकार के रोग और विकार उत्पन्न हो जाएँगे; जिनका बुरा असर हमारे मानसिक स्तर शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर पड़ेगा !  हमारे शरीर की 72000 नाड़ियाँ हमारे शरीर के रीढ़ पर स्थित 7 मूल चक्रों ( वैसे 10 चक्र हैं- लेकिन मूल चक्र 7 हैं - मूलाधार चक्र , स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , आज्ञा चक्र , सहस्त्रात चक्र ) से जुड़ी होती हैं, और कुण्डली बनाकर स्थिरता प्राप्त करती हैं !  हमारा मूलाधार चक्र शरीर का ऊर्जा केन्द्र होता है; जहाँ से ऊर्जा ऊर्ध्वागमन करती हुई इन बाकी 6 चक्रों ( स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , सहस्त्रात चक्र ) तक पहुँच सकती है ! हमारे द्वारा ली गई प्रत्येक लम्बी-गहरी साँस जो हमारी नाभी तक जाती है; वही प्राण...

प्रबल विचार ही सफ़ल होते हैं l मन्त्रों के विश्वास के साथ नियमित उच्चारण करते रहने से वे सिद्धि में परिवर्तित हो जाते हैं l मन्त्रों की शक्ति l सिद्धि l Mantra Jap Se Siddhi

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  Powerful Thoughts Can Change In Miracle  प्रबल विचार ही सफ़ल होते हैं ! प्रबल विचार ही सफ़ल होते हैं ! मन्त्रों के विश्वास के साथ नियमित उच्चारण करते रहने से वे सिद्धि में परिवर्तित हो जाते हैं- यही मन्त्र प्रबल विचार में परिवर्तित होकर हमारे अवचेतन मन के मानस-पटल पर अमिट छाप बनाते हैं; जिन्हें अवचेतन मन की शक्ति द्वारा सिध्दि प्राप्त होती है ! अवचेतन मन काफ़ी शक्तिशाली होता है; जो विचारों की ऊर्जा तरंगों के अनुरूप समान आवृत्ति वाली ऊर्जा तरंगों की ब्रह्माण्डीय शक्तियों, ऊर्जाओं से सम्पर्क साधकर हमारे लिए आवश्यक वातावरण बना देता है- जिसके माध्यम से हमें हर सहयोग प्राप्त होता चला जाता है, और हमारी सफ़लता निश्चय ही होती है !  साथ ही अवचेतन मन की शक्ति द्वारा ही हमारे शरीर में भी आवश्यक गुण, और क्रियाशीलता बढ़कर हमें शक्ति प्राप्त होती है- जिसके कारण हमारा आत्म-विश्वास, उत्साह बढ़ जाता है, और हम डरों पर नियंत्रण प्राप्त करके बिना भय-चिंता, और थकाबट के निरंतर कार्य करके सफ़लता पा ही लेते हैं ! ●● RELATED IMPORTANT HINDI VIDEO:-- 1. 2. 3. 4.  ●● PLEASE WATCH WITH BELIEVE &...

हमारी असफ़लताओं के मुख्य कारण l भविष्य की चिन्ता के बजाय वर्तमान पर ध्यान दें l विश्वास से ही सफ़लता मिलती है

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  हमारे मन के काल्पनिक नकारात्मक विचार, अनहोनी या बुरा होने की संभावनाओं के बारे में हर समय सोचते रहने की आदत ही हमारी असफ़लताओं के मुख्य कारण हैं ! हम वर्तमान पर विश्वास के साथ कार्य करने पर ध्यान ना देकर यही पता करने की कौशिश करते रहते हैं कि भविष्य कैसा होगा ?  हमारे भविष्य के बारे में शक और शंका करना ही हमें अनिश्चितता में ड़ालकर हमारे मन में बैचेनी को बढ़ाता है, और हम डर के साए में वे सब प्रयास हड़बड़ी में आकर करने लग जाते है- जो हमारे ध्यान को वर्तमान कार्यों से भटकाकर हमें निरर्थक कार्यों पर समय बर्बाद करने को मज़बूर कर देते हैं और हमारी प्रगत्ति बाधित होती जाती है !  ध्यान रखें- हम जितना अधिक नकारात्मक सोचेंगे, और अकारण ही डरते, और शंकित होते रहेंगे; हमारे अवचेतन मन में उसी प्रकार की छबि बनेगी, और हमारा अवचेतन मन भी हमें उसी अनुरूप कार्य दशा, और वातावरण बना कर देगा, तथा साथ ही हमारा आत्म-विश्वास, और उत्साह गिरकर हम पूर्ण प्रयास करने में असमर्थ होकर असफलताओं को ही गले लगाकर दोष परिस्थितियों को देते रहेंगे, और भाग्य को कोसते रहेंगे !  अतः; अगर आप जीवन में तनावमुक्त र...