खेचरी मुद्रा क्या है l खेचरी मुद्रा के अद्भुत फायदे l Kriya Yoga Or Khechari Mudra

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 खेचरी मुद्रा क्या है ? खेचरी मुद्रा के अद्भुत फायदे ! खेचरी अवस्था  खेचरी मुद्रा से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक फ़ायदे उज्जायी प्राणायाम के साथ खेचरी मुद्रा करने पर अधिक शीघ्र प्राप्त किए जा सकते हैं !  खेचरी मुद्रा के साथ ध्यान, और प्राणायाम अभ्यास करने पर लाभों का प्रभाव बढ़ जाता है ! यह किया-योग की विशेष मुद्रा है; जिसके बिना क्रिया-योग पूर्णता को प्राप्त नहीं होता है !  क्रिया-योग में शाम्भवी मुद्रा के साथ खेचरी मुद्रा लगाकर ध्यान साधना करने पर साधक को शीघ्र सिद्धि पाना संभव है !  ●● पूर्ण जानकारी के लिए निम्न वीडियो सुनें, और अभ्यास करें; आपको शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ अवश्य प्राप्त होंगे :-

हम जीतेंगे l WE WILL WIN

हम जीतेंगे  


जीवन में कुछ भी करना असंभव नहीं है अगर हमारे विचार उच्च हों और हम कार्य के प्रति समर्पित हों। 
बस ! हर कार्य अपनी सफलता के लिए पूर्ण समर्पण ,धैर्य ,एक योजना के साथ मेहनत और आत्मविश्वास  की कामना करता है।
कोई कार्य आरम्भ करने के बाद उसकी सफलता के बारे में ही सोचो।    
अगर तुम्हारी लगन और योजना सही है तो सफलता निश्चित है।
  
तो फिर हम अनचाही असफलता के बारे में क्यों सोचें ? 
हमें सोचना है तो लक्ष्य पूर्ण होने के बाद प्राप्त होने वाले लाभ और हमारे जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन के बारे में ही सोचना चाहिए। 
सोचो ! जब तुम्हारे लक्ष्य के उद्देश्य पूर्ण होंगे तो आप किस जगह अपने को पाओगे, कैसे तुम अपने सपने पूर्ण होते देखोगे तथा उसके बाद कैसे आप के जीवन के दुःख दूर होकर आपको एक प्रभावशाली व्यक्तित्व देंगे।
जो कमियां आज आपके पास हैं वे आपके लक्ष्य पूर्ण होने के बाद नहीं रहेंगी ;अतः क्यों हम दुःख मनाएं?
अच्छा तो यह होगा कि हम सारी शक्ति और ऊर्जा मात्र लक्ष्य की योजना पूर्ण करने में लगाएं और नित्य कुछ नया सीखकर कार्य कौशल बढ़ाएं , जिससे हम कम समय में पूर्णता प्राप्त करने में सफल हों। 
जो कार्य आपने सोचा है उसे जितना जल्दी हो सके आरम्भ कर दो।
आज का काम कल पर मत टालो।
जितना विचार करोगे ; आप उतना ही उलझते जाओगे और आपके नकारात्मक विचार तथा मन आपको भ्रमित करते जायेंगे।
हमेशा सकारात्मक सोचो और सोच-समझकर एक बार निश्चित उद्देश्य तथा योजना के अनुसार कार्य आरम्भ कर दो।
कभी भी शुरुआत करने के लिए अच्छे दिन कि तलाश नहीं करो ; जब भी तुम शुरुआत करोगे , बही दिन आपके लिए खुशियां ला सकता है ; लेकिन शर्त यही है कि तुम्हारे कार्य की शुरुआत स्वयं के विवेक से और योजना अनुसार की गई हो।
अगर निर्णय सोचे-समझे होंगे तो सफलता सुनिश्चित है। 

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