Sunday, February 13, 2022

सफ़लता के रहस्य l SECRETES OF SUCESS l TIPS OF SUCCESS

    सफ़लता के रहस्य

SUCCESS

  आप जानते हैं कि जब भी आप कोई कार्य की शुरुआत करते हैं तो आप में उत्साह होता है ,आप के सपने ऊंचे होते हैं ; लेकिन जैसे -जैसे आप अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ते हैं ,आप को कई बार लगने लगता है कि आपकी राह उतनी आसान नहीं है-जैसा आपने  समझा   था।

     आपने जिन लोगों के बारे में सोचा था कि वे आसानी से आपकी बातें मान लेंगे और तुम  आसानी से उनको सहयोग करते हुए अपनी कामयाबी की तरफ चलते जाओगे ; लेकिन जब  तुम हक़ीक़त का विश्लेषण करते हो तो पाते हो कि तुम उतने सफल (success) नहीं हो रहे हो ; जितना तुमने सोचा था।

      तो अब सबाल आता है कि हम गलती कहाँ कर रहे हैं ,हमारी तैयारी में कमी कहाँ रह गई ?

    हमारी ऐसी कौनसी कमी है ;जिसके कारण हमें सफल होने की राह आसान नहीं लग रही है ?

    यही वह समय  है आत्ममंथन (SELF ANALYSIS) का।

    " बिना कारण जाने , बिना योजना और बिना पूरी जानकारी के हम सदा ही हमारी राह और कठिन बना लेते हैं।

    अब  हमें  क्या  करना  होगा ,जिससे  हम  हमारे  सपने ( DREAMS) पूरा  करें और सफलता (SUCCESS) हमारे  साथ  हो। 

इसके  समाधान  ये  हैं  :--

1. Goal ( लक्ष्य )

2. Plan ( योजना )

3. Dedication ( लगन

4. Just Action (Right Time-Right Business) ( तुरन्त कार्यवाही )

5. Analysis ( विश्लेषण )


1. Goal ( लक्ष्य ) :

      हमारे लक्ष्य स्पष्ट, सकारात्मक और सही दिशा में होने चाहिए।

हमें लक्ष्य वही बनाने चाहिए जिसकी क्षमता (CAPACITY) हम रखते हैं ,या हम प्राप्त कर सकते हैं। 

       लक्ष्य बनाने से पहले हमें उस कार्य की काफ़ी जानकारी इकट्ठी करनी होगी ;तभी हम लक्ष्य को निर्धारित कर पाएँगे।
 
" एक बार में एक ही लक्ष्य बनाएँ। "

2. Plan योजना ) :

        अब हमें लक्ष्य की प्राप्ति की योजना काफ़ी सोच के साथ बनानी होगी।

हमें योजना बनाते समय सकारात्मक (Positive) सोच और उत्साह के साथ समझदारी पूर्ण फैसले (decisions) लेने होंगे।

" योजना लम्बी और कई भागों में विभाजित हो , जिससे एक के बाद दूसरे पर जाएँ। "

3. Dedication ( लगन ) :


        
अब हमें लगन के साथ अपनी योजना को आगे बढ़ाते जाना चाहिए ,छोटे-छोटे स्तर (level) से आगे  बढ़ें।

कभी भी अति-उत्साहित ना बनें। 

सपनों को पूरा करने के लिए लम्बी छलांग ना लगायें। छोटे-छोटे स्तर से आगे बढ़ें। 

    "अपनी योजना को सफल करने के लिए तुम्हें अपने आप पर पूर्ण विश्वास (BELIEVE) करना होगा ,तुम्हें अपनी योजना की सफलता पर  पूर्ण विश्वास (BELIEVE) करना होगा। 
तुम्हें तुम्हारी क्षमताओं (Capabilities) पर विश्वास करना होगा। "

    तुम्हें यह सोचकर विश्वास के साथ बिना रुके आगे बढ़ते जाना है कि हमें 5 बार-10 बार असफलता (Unsuccess) के बाद सफ़लता (success) जरूर मिलेगी।

    कभी भी प्रारम्भिक असफ़लताओं और शुरुआती दिक्कतों से घबराकर योजना से भाग ना जाएँ ,ये सब स्वाभाविक हैं ;अगर हम सकारात्मक प्रयास करेंगे तो समाधान भी निकल ही आएँगे।

    अतः हिम्मत और साहस के साथ योजना पर लगातार बिना रुके चलते जाएँ मंजिल निश्चित समय पर मिल ही जाएगी । 

4. Just Action (Right Time-Right Business) ( तुरन्त कार्यवाही ) :


          
 जब तुम्हारे लक्ष्य (Goal) और योजना पूर्ण हो  जाएँ , तो अब समय है  तुरँत कार्यवाही का।

    कभी भी कार्य (work) को कल पर ना टालें ,जितना जल्दी कार्यवाही करेंगे ,सजग रहेंगे ; तुम अपनी क्षमता का उतना ही शीघ्र परिणाम (फल ) प्राप्त करोगे। 

    सकारात्मक सोच के साथ  तुरँत अपनी योजना के साथ कार्य आरम्भ कर दो। 

5. Analysis ( विश्लेषण ) :


           
 "कोई भी कामयाबी एक ही दिन में नहीं मिलती। इसके लिए आपको अथक प्रयास करने होंगे ,पूर्ण विश्वास के साथ अपनी क्षमता और कौशल  पर दृढ विश्वास करना होगा। " 

    योजना को हक़ीक़त में बदलने के लिए कठिन परिश्रम ( HARD WORK) करना होगा।

    तुम्हें अपनी राह के बीच में मिली छोटी-छोटी असफ़लताओं पर विचार करना होगा ;तुम्हे पता लगाना होगा कि वे कौनसी चीजें हो  सकती हैं ; जिनकी कम जानकारी के कारण तुम कई व्यक्तियों को संतुष्ट नहीं कर पाए और तुम असफल (विफल ) हुए।

    अपनी गलतियों को सुधारें और अपनी नई जानकारी को नई योजना के साथ पुनः आत्मविश्वास के साथ अमल में लाएँ।

    हमें  निरन्तर  प्रयास करने  होंगे।

    हमें हमारी नाकामियों से ही सीखना होगा।
हमें ना ही अपनी नाकामियों से हताश होना है ;और ना ही छोटी-छोटी सफलताओं से अति-आत्माभिमानी होना है।

    हमारा हर कदम सोचा-समझा और योजना के अनुसार ही होना चाहिए। 

    कभी भी अपने को सम्पूर्ण ना मान बैठें ,नहीं तो तुम्हारी कामयाबी भी तुम्हारा साथ जल्द ही छोड़ देगी।

    आगे ज्यादा लगन ,उत्साह ,आत्मविश्वास के साथ निरन्तर प्रयास बढ़ाते जाएँ। 

    "हर सफलता निरन्तर (CONTINIOUS) प्रयास मांगती है। "








   
              

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