हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है l PRAN VAYU l PRAN URJA l PRANAYAM l YOGA

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7 CHAKRA  हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है ! हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है ! अगर शरीर के हर अंग कोशिकाओं और नस-नाड़ियों तक आवश्यक अनुपात में प्राण-ऊर्जा सही समय पर ना पहुँच पाए; तो शरीर में कई प्रकार के रोग और विकार उत्पन्न हो जाएँगे; जिनका बुरा असर हमारे मानसिक स्तर शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर पड़ेगा !  हमारे शरीर की 72000 नाड़ियाँ हमारे शरीर के रीढ़ पर स्थित 7 मूल चक्रों ( वैसे 10 चक्र हैं- लेकिन मूल चक्र 7 हैं - मूलाधार चक्र , स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , आज्ञा चक्र , सहस्त्रात चक्र ) से जुड़ी होती हैं, और कुण्डली बनाकर स्थिरता प्राप्त करती हैं !  हमारा मूलाधार चक्र शरीर का ऊर्जा केन्द्र होता है; जहाँ से ऊर्जा ऊर्ध्वागमन करती हुई इन बाकी 6 चक्रों ( स्वादिष्ठान चक्र , मणिपुर चक्र , अनाहत चक्र , विशुद्धि चक्र , सहस्त्रात चक्र ) तक पहुँच सकती है ! हमारे द्वारा ली गई प्रत्येक लम्बी-गहरी साँस जो हमारी नाभी तक जाती है; वही प्राण...

परीक्षा में अधिक अंक ला सकते हैं ? l अवचेतन मन और ध्यान की शक्ति का सफल प्रयोग

       परीक्षा में अधिक अंक ला सकते हैं ? 


      हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बड़ा महत्व है , सकारात्मक विचार ; आपके , बच्चों के जीवन के लक्ष्य को सही दिशा में बदल सकते हैं l 

     किसी परीक्षा में अधिक अंक लाने का लक्ष्य ; दृढ इच्छा -शक्ति ,सफलता का आत्मविश्वाश बड़ा होना चाहिए l

आपको कार्य के लक्ष्य के अनुसार दृढ़ता से आगे बढ़ना होगा l आपके लक्ष्य को कई चरणों में बाँट लें , उसी के अनुसार कार्य करते जाएँ l 

   अपने लक्ष्य - को सुबह उठने के तुरंत बाद और रात को सोने से पहले अपने ; मन को एकाग्रः करके जरूर दुहराएँ l इस समय तुम्हारा अवचेतन  मन पूर्ण जाग्रत होता है ,अतः इस समय तुम जो भी विचार या लक्ष्य  बार -बार दुहराएँगे ; वह आपके अवचेतन मन में जमा होगा और उसी के अनुसार तुम्हरी भावनायें और आत्मविश्वाश कार्य करेंगे l  तुम्हे लक्ष्य प्राप्ति पर पूरा भरोसा होना चाहिए और कल्पना करें कि तुम्हे वे सारी सुभिधाएँ प्राप्त हो रही हैं जिनके कारण तुम सफलता के नजदीक हो l तुम्हे विश्वाश करना होगा कि तुम सफल हो रहे हो l

    ये ही वे वाक्य हैं ; जिनको रोज सुबह-रात को दुहराने से ये आपके अवचेतन मन में पहुँच जाते हैं , जिनके कारण तुममे नई ऊर्जा का संचार होगा और तुम सफल होंगे l 

    ध्यान के द्वारा ही हम अबचेतन मन की शक्ति बढ़ा सकते हैं l इससे इच्छा शक्ति बढ़ेगी , सकारात्मक सोच बढ़ेगी ;जो सफलता में सहयक होंगे l

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