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Showing posts from February, 2022

विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं I

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 विचार, मन और भावनाएँ हमारे मस्तिष्क की एक स्वाभाविक क्रियाएँ हैं l CONTROL YOUR BREATHING TO CONTROL MIND  हाँ ! मस्तिष्क से उठे तरह-तरह के अलग-अलग विचारों का जाल ही मन है I  मन अस्तित्वहीन है; जिसे हम दिल की गहरी भावनाओं के साथ जोड़कर खुश भी होते रहते हैं, या कभी कभी इतने दुखी, और निराश भी हो जाते हैं कि सब कुछ अशांत-दुखी, और बैचेन हो जाता है I  अतः; अगर आपको हर क्षण ख़ुशी-शांति, और तरक्की को अनुभव करते हुए पूर्ण स्वस्थ और सुखमय जीवन चाहिए-- तो स्वयँ को समझना, और स्वयँ को समय देकर अपने अंतर्मन की भावनाओं-विचारों, और तीब्र-इच्छाओं को विवेकशीलता के साथ समझना शुरू कर दो I  मन के जाल में ना फँसो; बल्कि बुद्धि का उपयोग करें, और मन में चल रहे विचारों का आत्मावलोकन शाँति, और धैर्य बनाए रखते हुए करें; तभी आप सही निष्कर्षों पर पहुँच कर सही निर्णय ले पाएँगे I  इससे हर कार्य सफ़ल भी होंगे, और आप हर प्रकार के तनाबों, तथा चिंताओं से भी बचे रहेंगे I मन क्या है ? ख़ुशी के साथ तनाबमुक्त सफलता पाने का रहस्य ● निम्न हिंदी वीडियो आपके लिए हितकर होंगे; कृपया चिंतन-मनन के साथ उपय...

सफ़लता के रहस्य l SECRETES OF SUCESS l TIPS OF SUCCESS

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     सफ़लता के रहस्य SUCCESS   आप जानते हैं कि जब भी आप कोई कार्य की शुरुआत करते हैं तो आप में उत्साह होता है ,आप के सपने ऊंचे होते हैं ; लेकिन जैसे -जैसे आप अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ते हैं ,आप को कई बार लगने लगता है कि आपकी राह उतनी आसान नहीं है-जैसा आपने  समझा   था।      आपने जिन लोगों के बारे में सोचा था कि वे आसानी से आपकी बातें मान लेंगे और तुम  आसानी से उनको सहयोग करते हुए अपनी कामयाबी की तरफ चलते जाओगे ; लेकिन जब  तुम हक़ीक़त का विश्लेषण करते हो तो पाते हो कि तुम उतने सफल (success) नहीं हो रहे हो ; जितना तुमने सोचा था।       तो अब सबाल आता है कि हम गलती कहाँ कर रहे हैं ,हमारी तैयारी में कमी कहाँ रह गई ?      हमारी ऐसी कौनसी कमी है ;जिसके कारण हमें सफल होने की राह आसान नहीं लग रही है ?      यही वह समय  है आत्ममंथन (SELF ANALYSIS) का।      " बिना कारण जाने , बिना योजना और बिना पूरी जानकारी के हम सदा ही हमारी राह और कठिन बना लेते हैं।    ...

हम जीतेंगे l WE WILL WIN

हम जीतेंगे   जीवन में कुछ भी करना असंभव नहीं है अगर हमारे विचार उच्च हों और हम कार्य के प्रति समर्पित हों।  बस ! हर कार्य अपनी सफलता के लिए पूर्ण समर्पण ,धैर्य ,एक योजना के साथ मेहनत और आत्मविश्वास  की कामना करता है। कोई कार्य आरम्भ करने के बाद उसकी सफलता के बारे में ही सोचो।     अगर तुम्हारी लगन और योजना सही है तो सफलता निश्चित है।    तो फिर हम अनचाही असफलता के बारे में क्यों सोचें ?  हमें सोचना है तो लक्ष्य पूर्ण होने के बाद प्राप्त होने वाले लाभ और हमारे जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन के बारे में ही सोचना चाहिए।  सोचो ! जब तुम्हारे लक्ष्य के उद्देश्य पूर्ण होंगे तो आप किस जगह अपने को पाओगे, कैसे तुम अपने सपने पूर्ण होते देखोगे तथा उसके बाद कैसे आप के जीवन के दुःख दूर होकर आपको एक प्रभावशाली व्यक्तित्व देंगे। जो कमियां आज आपके पास हैं वे आपके लक्ष्य पूर्ण होने के बाद नहीं रहेंगी ;अतः क्यों हम दुःख मनाएं? अच्छा तो यह होगा कि हम सारी शक्ति और ऊर्जा मात्र लक्ष्य की योजना पूर्ण करने में लगाएं और नित्य कुछ नया सीखकर कार्य कौशल ब...