Friday, April 3, 2020

कार्य की सफलता का रहस्य

   कार्य की सफलता का रहस्य : 

        आप  जानते  हैं  कि  जब  भी आप कोई  कार्य  शुरू(स्टार्ट ) करते  हैं तो  आप में  उत्साह  होता  है,आप के  सपने  ऊंचे  होते  हैं l लेकिन  जैसे  -जैसे  आप अपने  प्लान (कार्य ) में आगे  बढ़ते  हैं ,आप को  कई  बार  लगने  लगता  है कि आपकी  राह  उतनी  आसान  नहीं  है ; जैसा  आपने  समझा और सोचा था l
आपने  जिन  लोगों   के बारे  में सोचा  था कि वे  आसानी  से  आपकी बातें  मान   लेंगे  और  तुम  आसानी से उनको  सहयोग (support)  करते चले  जाओगे , अपनी  सफलता की तरफ ; लेकिन  जब तुम हकीकत का  विश्लेषण करते हो तो पाते हो तुम उतने  सफल नहीं हो रहे  हो, जितना  तुमने  सोचा था l

      तो  अब  सवाल  आता  है कि हम  गलती  कहाँ  कर रहे हैं, हमारी  तैयारी  में कमी कहाँ रह गई ? हमारी  ऐसी  कौनसी कमी है , जिसके  कारण  हमें  सफल होने  की राह आसान नहीं लग  रही  है ?

      यही  वह समय है - आत्ममंथन  (SELF ANALYSIS) करने का  !

      "बिना कारण जाने, बिना प्लान और बिना पूरी जानकारी के हम  सदा ही हमारी रIह और कठिन बना लेते हैं l"
       
       अब  हमें  क्या  करना  होगा , जिससे  हम  हमारे  सपने पूरा  करें  और  सफलता  (SUCCESS) हमारे  साथ  हो I

इसके  समाधान  ये  हैं  :--

1. Goal (लक्ष्य )
2. Plan (योजना )
3. Dedication (लगन )
4. Just Action (Right Time-Right Business)
                        (तुरंत कार्य आरंभ करो) 
5. Analysis (आत्म -विश्लेषण / कार्य  विश्लेषण )
 

1. 
लक्ष्य ( Goal ) :

    
  हमारा  लक्ष्य स्पष्ट  ( clear ) , सकारात्मक (positive) और  सही  दिशा  (direction) में  होना  चाहिए l  हमें  लक्ष्य  वही  बनाने  चाहिए  जिसकी  औकात ( CAPACITY) हम  रखते  हैं , या  हम  प्राप्त  कर   सकते  हैं l

        
लक्ष्य  बनाने  से  पहले  हमें  उस  कार्य  की  काफी  जानकारी  इकट्ठी ( collect ) करनी  होगी ; तभी   आप  लक्ष्य  को  निर्धारित  कर पायेंगे l

"एक बार में 
एक ही लक्ष्य बनायें l"

2. योजना ( Plan ) :

        अब  हमें  लक्ष्य  की  प्राप्ति  की योजना  काफी  सोच  के  साथ  बनानी होगी , हमें  
योजना बनाते  समय  सकारात्मक  (Positive) सोच  और  उत्साह  के  साथ  समझदारी  पूर्ण  फैसले (decisions) लेने  होंगें l
"
योजना  लम्बी और  कई भागों  में  विभाजित हो , जिससे  एक के  बाद  दूसरे पर जाएं l"

3. 
लगन ( Dedication ) :

        अब  हमें  लगन  के  साथ अपनी योजना  को  आगे  बढ़ाते  जाना  चाहिए , छोटे -छोटे  स्तर  (level) से आगे बढ़ें , कभी भी अति-उत्साहित न बनें l सपनों को पूरा करने के लिए लम्बी छलांग ना लगायें l छोटे-छोटे स्तर (level) से आगे बढ़ें l

"अपनी योजना को 
सफल (success) करने के लिए तुम्हे अपने आप  पर विश्वास (believe) करना होगा , तुम्हे अपनी योजना की  सफलता पर विश्वास (believe) करना  होगा , तुम्हे विश्वास करना होगा  तुम्हारी योग्यता (ability) पर l"
तुम्हे यह सोचकर विश्वास के साथ बिना रुके आगे बढ़ते जाना है कि  हमें 5 बार -10 बार असफलता (unsuccess)के बाद  सफलता (success) जरूर  मिलेगी l हिम्मत मत हरो और बिना रुके , बिना थके प्रगत्ति की राह पर चलते ही जाओ;चाहें कितनी भी बाधा का सामना करना पड़े l
 
4. तुरंत कार्य आरंभ - JUST ACTION (RIGHT TIME /RIGHT BUSINESS) :
          
         जब तुम्हारा लक्ष्य (Goal) और योजना पूरी हो जाये तो अब  समय  है - तुरंत कार्य आरंभ करने का l

         कभी काम (work) को कल पर ना टालें ,जितना जल्दी योजना पर कार्यवाही (action) करोगे तुम  अपनी  कुशलता (capacity) का  उतना  ही  शीघ्र  (जल्दी ) फल प्राप्त करोगे I 
सकारात्मक  सोच  के  साथ  तुरंत  अपनी योजना के साथ कार्य शुरू  कर दो l

5. विश्लेषण(Analysis) :

            "कोई भी कामयाबी एक ही दिन में नहीं मिलती , इसके लिए  आपको अथक प्रयास करने होंगे ,पूर्ण विश्वास के साथ अपनी क्षमता (capacity) और योग्यता (ability) पर दृढ विश्वास करना होगा I" मेहनत ( hard work ) करनी  होगी - योजना को  हकीकत  में  बदलने  के  लिए l

        तुम्हे अपनी राह के बीच में मिली छोटी -छोटी असफलता पर विचार  करना  होगा l तुम्हे पता लगाना होगा कि वे कौनसी चीजें हो सकती हैं ; जिनकी कम जानकारी  के कारण तुम कई व्यक्तियों को संतुष्ट नहीं  कर पाए और तुम विफल हुए l
        अपनी गलतियों को सुधारें औरअपनी नई जानकारी को नई योजना के साथ पुनः आत्मविश्वास के साथ अमल में लाएं l  
हमें  निरंतर  प्रयास  करना  होगा l

हमें हमारी नाकामियों से ही सीखना होगा l हमें ना ही हताश होना है - अपनी नाकामियों से और ना ही अति आत्मविश्वास में (over confidence )होना है - छोटी -छोटी सफलताओं से l  
हमारा हर कदम सोचा समझा और योजना के मुताविक ही होना
चाहिए l

कभी भी अपने को संपूर्ण ना मान बैठें ,नहीं तो तुम्हारी कामयाबी भी  तुम्हारा साथ जल्दी ही छोड़ देगी l आगे ज्यादा लगन , उत्साह , आत्मविश्वास के साथ निरंतर प्रयास बढ़ाते जाएँ l
"हर सफलता निरंतर (continuous) प्रयास मांगती है l"


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