Sunday, March 21, 2021

प्रेरणा I प्रेरणा से क्या समझते हैं? प्रेरणा क्यों जरूरी होती है? I MOTIVATION

प्रेरणा क्या है ? (MOTIVATION / INSPIRATION)

       " प्रेरणा किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाली उत्तेजना और तत्परता की एक विशेष प्रिक्रिया है , जिसके द्वारा व्यक्ति किसी विशेष लक्ष्य (उद्देश्य ) की पूर्ति करने के लिए कार्य करने को तैयार होता है I "

    प्रेरणा एक स्वाभाविक क्रिया है , जो व्यक्ति के अंदर स्वयं आती है I 

    प्रेरणा ही वह शक्ति है जो एक असफल व्यक्ति को भी सफलता की ओर अग्रेषित कर सकती है I प्रेरणा व्यक्ति के कार्यों को गति प्रदान करती है , यह एक आंतरिक शक्ति है ; जो हमें कार्य करने को प्रेरित करती है l 

    प्रेरणा से हमें कार्य करने की इच्छा एवं जिज्ञासा उत्त्पन होती है l इससे हमें सकारात्मक दिशा में प्रयास करने की शक्ति प्राप्त होती है l 

    प्रेरणा हमें विशेष व्यव्हार या क्रिया करने को वाध्य करती है l सकारात्मक प्रेरणा से व्यक्ति का आत्मविश्वाश बढ़ जाता है ; जो कार्य की सफलता में महत्वपूर्ण होता है I 

व्यक्ति की प्रेरणा उसकी क्षमताओं , आत्मविश्वाश , कार्य कुशलता पर निर्भर करती है I 
हमारे विचार ओर सोच जैसे होंगे ; हम उसी प्रकार की प्रेरणा प्राप्त करेंगे I हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर ओर स्वयं की सोच ओर कार्य के प्रति सकारत्मक दृष्टिकोण रखकर सकारात्मक प्रेरणा प्राप्त कर सकते है ; जो हमें बड़ी सफलता दिलाने में सहायक होगी I 

        हम अपने विचारों के साथ जीते हैं I जैसे विचार हम रखते हैं , हमारी आवश्यकताएं , लक्ष्य भी उसी प्रकार बनते जाते हैं I हम अपनी विचारों की शक्ति से सपने देखते हैं ओर आसपास के वातावरण ओर समुदाय / व्यक्तियों या घटनाओं से प्रेरित होते हैं ; इन सबके  परिणामस्वरूप हमें विशेष प्रकार की प्रेरणाएं प्राप्त होती हैं I 

हम जैसा सोचते हैं हमारा अवचेतन मन उसी प्रकार की सोच को जन्म देता है , और हम उसी प्रकार अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरणा प्राप्त करते हैं I 
सकारात्मक सोच से विश्वास बढ़ता है,जो हमें कार्य को समर्पण भाव से करने की प्रेरणा देता हैl
 
        हम अपने परिवार , समाज , बाहरी घटनाओं और बाहरी वस्तुएं जैसे फ़ोन , टेलीविजन , समाचार पत्र , कार्य-स्थल आदि से कुछ ना कुछ प्रेरणा प्राप्त करते रहते हैं , जो हमारी लगन , सोच , व्यवहार , दिनचर्या आदि को प्रभावित करते हैं I 


1. प्रेरणा के स्रोत :

        व्यक्ति को प्रेरणा अनुभवों , लोगों के कार्यों को जानकर , विशिष्ट व्यक्तियों की कार्य-शैली और जीवनियों को जानकर , आस-पास की छोटी-बड़ी घटनाओं या हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किये गए प्रयासों के विश्लेषण द्वारा प्राप्त होती है I 
हम कई बार अपनी गलतियों से भी प्रेरणा लेते हैं तथा अपने में और अपने कार्य करने की विधि में परिवर्तन लाकर उस गलती को आगे सदा-सदा के लिए खत्म कर देते हैं I 
हमारी समस्याएं भी हमें और आगे जाने और कुछ विशेष करने को प्रेरित करती हैं I 

       प्रेरणा से हमें विशेष शक्ति प्राप्त होती है , जिससे हम बिना थके निरंतर प्रयास करने में सक्षम हो सकते हैं l इससे हमें कार्य की सफलता प्राप्त होने तक निरंतर कार्य करते रहने की प्रेरणा मिलती है , और हमारा आत्मविश्वाश हमें धैर्य बनाये रखने में मदद करता है l 
        जब हम किसी विशेष प्रदर्शन और अच्छे प्रयास के लिए प्रशंसा (Praise) प्राप्त करते हैं , तो हमारे प्रयास करने की क्षमता में बृद्धि होती है और हमें और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है I 
       बिना लक्ष्य के प्रेरणा प्राप्त करना मुश्किल है l 
       प्रेरणा हमें इच्छाओं , चाहतों , जरूरतों को पूरा करने के लिए सकारात्मक दिशा में कार्य करने की शक्ति प्रदान करती है l प्रेरणा द्वारा हम हमारे उद्देश्यों को पूरा करने की क्षमता प्राप्त करते हैं I 
       गरीबी दूर करने की इच्छा , समाज सेवा करने की चाहत , हमारी सफल होने की इच्छा , पैसा पाने की इच्छा , अच्छी नौकरी पाने की इच्छा , सम्मानजनक जीवन जीने की इच्छा , स्वस्थ्य रहने की इच्छा हमें सकारात्मक दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देती है l 

उदाहरण :
        1. जब हम किसी बहुत ही गरीब या जरूरतबंद की विशेष मदद करते हैं ; जिसके कारण हम उनकी आँखों में चमक और चेहरे की मुश्कान देखते हैं तो हमें जीवन की वास्तविक ख़ुशी और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है l 
हमें लगता है जैसे हम काफी कुछ कर सकते  हैं और कई प्रकार से मदद करने में भी सक्षम हैं , ये प्रेरणा हमें आत्मबल देती है l 
        2. जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं ,जो बिना किसी की सहायता के जीवन में संघर्ष करता है और धीरे -धीरे प्रगत्ति के मार्ग पर बढ़ता जाता है ; ऐसे समय हमें बड़ी प्रेरणा और सहस की अनुभूति होती है l 
        3. जब हम किसी बुजुर्ग को कड़ी मेहनत करते हुए देखते हैं , और फिर भी वह खुश और आत्मविश्वाश से भरा होता है ; तो हमें जीवन में संघर्ष करने और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है l 
        4. जब हमें कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिलती है तो हमारा आत्मविश्वास और ख़ुशी हमें और नए लक्ष्य प्राप्त करने को प्रेरित करती है l 
        5. किसी विशेष व्यक्ति की प्रेरणाप्रद बातें और उनके अनुभव भी हमें कुछ अच्छा और बड़ा करने का साहस और प्रेरणा देती हैं l 
        6. जब हम किसी विशेष चुनौती का साहस-पूर्ण सामना करते हैं और सफल हो जाते हैं ; तो ये सफलता हममें दुगुना साहस देती है , और हम विशेष प्रेरणा द्वारा अपने लक्ष्य प्राप्ति की और आत्मविश्वास के साथ प्रेरित होते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं l

2. प्रेरणा के प्रकार  :

प्रेरणा दो प्रकार की होती है -

1. बाहरी प्रेरणा 
2.आंतरिक प्रेरणा

2.1. बाहरी प्रेरणा :

         " जब किसी कार्य को करने में हमारा मन ना लगे लेकिन फिर भी हम मजबूरीबस कार्य करते हैं ( किसी प्रकार के बाहरी दबाव के कारण ) , इस प्रकार के कार्य को करने की प्रेरणा ही बाहरी प्रेरणा कहलाती है I "
   
        इस प्रकार की प्रेरणा पैसे, सामाजिक टिप्पणियों, बाहरी व्यवहार, दूसरों से हमारे काम पर प्रशंसा जैसे बाहरी संसाधनों से आती है l 
        
        बाहरी प्रेरणा किसी व्यक्ति विशेष , बाहरी प्रोत्साहन , इनाम , किसी परिणाम , बाहरी दवावों से प्रभावित होती है I 
इसमें व्यक्ति आगे बढ़ने की चाहत के लिए,आत्मसम्मान के लिए कार्य करने को प्रेरित होता हैI 

        परीक्षा के डर से पढ़ना , परिवार के खर्चे चलाने के लिए नौकरी करना ;  बाहरी प्रेरणा के कारण करते हैं I 
बाहरी प्रेरणा अस्थाई होती है , जो समय और परिस्थितियों के साथ-साथ कम होती जाती है I 

2.2. आंतरिक  प्रेरणा :

    आंतरिक प्रेरणा स्वयं के मन से आती है I इस प्रकार की प्रेरणा में व्यक्ति कार्य अपनी ख़ुशी से करता है ; कार्यों को करने में उसकी आंतरिक ख़ुशी ,जुनून कार्य करते हैं I व्यक्ति किसी विशेष कार्य को करने में अपनी ख़ुशी प्राप्त करता है ; इसमें कार्य को करने के लिए किसी बाहरी दबाव , प्रोत्साहन , पुरस्कार की आवश्यकता नहीं होती है और कार्य करना उसको ख़ुशी प्रदान करता है I 
आंतरिक प्रेरणा में हम कार्य को अपने आप करने लग जाते हैं , इन कार्यों को करने से हमें आत्मिक ख़ुशी , शांति मिलती है I 
आंतरिक प्रेरणा व्यक्ति के आंतरिक विकास , मानसिक स्वास्थ्य के विकास में सहायक होता है I 
आंतरिक प्रेरणा स्थाई होती है और समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है I आंतरिक प्रेरणा से ही हम विशिष्ट ( Special ) बनते हैं , तथा स्थाई सफलता प्राप्त करते हैं I 
सुबह जल्दी उठकर खेलने जाना , घर की साफ-सफाई करना , घूमना-फिरना , खेलना-कूदना आदि कार्य हम आंतरिक प्रेरणा के कारण ही ख़ुशी-ख़ुशी करते हैं I 

3. प्रेरणा के प्रभाव :

        जीवन के उतार-चढ़ाव को सहने की क्षमता , हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है I 

कई बार हमें गलत परिस्थितियों में कार्य करने से या दूसरों के व्यव्हार से हताशा मिलती है , ऐसी स्थिति में प्रेरणा ही हमें हताशा को खत्म करने में सहायता करती है और हम कठिन परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास के साथ कार्य करने को प्रेरित होते हैं ; असफल होने पर भी वापिस कठिन परिश्रम द्वारा सफलता प्राप्त करते हैं I 
आंतरिक प्रेरणा ही हमारे धैर्य को बनाये रखती है , जिससे हम आत्मविश्वास के साथ कार्य करते हैं I 

प्रेरणा व्यक्ति की सफलता की सम्भावना को बढ़ा देती है , व्यक्ति खुद को जोश से , आत्मविश्वास से भरपूर महसूस करता है I 
विषम परिस्थिति में हम प्रेरणा के द्वारा ही परिस्थिति से लड़ने की , समाधान खोजने की शक्ति प्राप्त करते हैं I 

प्रेरणा द्वारा हम लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर होते हैं ओर सफल होते हैं ; जिससे हमें आगे ओर बड़ी सफलता प्राप्त करने का आत्मबल प्राप्त होता है I  


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