Thursday, January 5, 2023

टालमटोल की आदत से कैसे बचें l How to avoid the habit of procrastination l कामों को टालने की आदत

 

टालमटोल की प्रवृत्ति सफल नहीं होने देगी
(Procrastination will not allow you to succeed)
काम को टालने की आदत से बचें
(Avoid Procrastination)

काम को टालने की आदत से बचें

"टालमटोल करने वाले लोगों पर कोई भरोषा नहीं करता है। ऐसे लोग कई अच्छे सफलता के अवसर मात्र इसी काम को टालने की बुरी आदत के कारण खो देते हैं।"

"अगर सफलतम बनना चाहते हो तो कल में विश्वास करना छोड़कर आज का काम आज और जहाँ तक संभव हो अभी का अभी पूरा करने के अथक प्रयास करो। ऐसा करने पर आप समय का वास्तविक सदुपयोग करते हुए अन्य कार्यों के लिए समय बचा पाओगे।

याद रखें अगर आज कार्यों को टालोगे; तो कल कभी नहीं आएगा; क्योंकि कल आपको और भी कार्य करने जरूरी होंगे।"

"अगर कुछ पाना है तो आलस्य और अनजाने डरों को छोड़ना ही होगा।

यही मुख्य कारण आपको काम नहीं करने देते।

अतः, जो भी सोचा या योजना बनाई है; उस पर तुरन्त कार्यवाही शुरू कर दें। यही एक मार्ग है आलस्य को ख़त्म करने का।

जैसे-जैसे आप कार्य करते जायेंगे; आपका मन उस कार्य से प्यार करने लगेगा और आपका आत्म-विश्वास उस कार्य को सही समय पर अवश्य पूर्ण करने में मददगार सावित होगा।"

"ज्यादातर लोग बस सोचते और कल्पनाओं में ही डूबे रहते हैं; लेकिन कार्य की शुरूआत ही करने से डरते हैं।

केवल विचारों में ही समय नष्ट करने वाले व्यक्ति कभी भी सर्वश्रेठ नहीं हो सकते हैं। अतः; अगर सफलतम बनना है; तो बड़ा सोचो और शीघ्र निश्चित उद्देश्यों के साथ निश्चित लक्ष्यों पर कार्य की शुरूआत कर दो।"

ज्यादातर लोगों की एक ही प्रवृत्ति होती है कि वे ज्यादातर बिना-सोचे समझे कई कार्यों को टालते रहते हैं; जिसके कारण कभी भी मनचाही सफलता सही समय पर हांसिल ही नहीं कर पाते हैं या कभी-कभी इसी कारण से पास आए सफल अवसर हाथ से चले जाते हैं।

हम भावुकतावश या अति-उत्साह और अभिमान के कारण फिजूल के कई कार्यों में स्वयं को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि वास्तविक-महत्वपूर्ण कार्यों को आज की बजाय कल पर टाल देते हैं और फिर कल-कल करते-करते कई दिन, माह और सालों गुजार देते हैं; जिनका परिणाम होता है कि या तो कार्यों का बोझ बढ़ जाता है या धीरे-धीरे उस कार्य के प्रति हमारा उत्साह, लगन ही ख़त्म हो जाती है।

कई बार आने वाले दिनों में परिस्थितियाँ ही ऐसी बन जाती हैं कि पिछड़े हुए कार्यों का महत्व ही नहीं रह जाता है; जिसके कारण हम सफल ना होने का दुःख और अफ़सोस जीवन भर मानते रहते हैं तथा जीवन में सही समय पर समृद्दि के द्वार भी बंद हो जाते हैं। उसके बाद तो ना चाहते हुए भी गरीबी और दूसरों की गुलामी में ही जीवन निकलना मजबूरी बन सकता है।

ऐसे व्यक्ति जिनको काम को टालने की बुरी लत (आदत) होती है; वे जीवन में चाहते हुए भी कुछ विशेष हांसिल कर ही नहीं पाते हैं तथा उनके सब कार्य अधूरे ही पड़े रह जाते हैं। ऐसे व्यक्ति कार्यों का बोझ ही इतना बढ़ा लेते हैं कि उन्हें मजबूरी में वह कार्य ही छोड़ना पड़ जाता है। ऐसे व्यक्ति असफल, जीवन भर पछतावा करने वाले, अलसी और डरपोक होते हैं और जीवन भर अभावों में ही जीवन निकाल देते हैं। ऐसे व्यक्ति चिंता, अवसाद, आत्मग्लानि के साथ-साथ स्वस्थ्य भी ख़राब कर बैठते हैं।

अतः इन बातों से स्पष्ट है कि हमें जितना जल्दी हो इस टालमटोल की बुरी आदत से बाहर निकलना जरूरी है और आज का कार्य आज ही या जितना संभव हो अभी शुरू करके जल्दी से जल्दी ख़त्म करना ही होगा। तभी हम ख़ुशी के साथ चिंता-मुक्त सफलतम जीवन और समृद्दि को पा सकते हैं।


आइए इसे निम्न प्रकार बिंदु-बार समझने का प्रयास करें:-

1. कार्यों को बार-बार टालते रहने पर यह आदत बन जाती है:

अगर कार्यों को बार-बार टालते रहेंगे तो एक समय बाद यह टाला हुआ कार्य हमारे अगले किए जाने वाले विशेष कार्यों को भी प्रभावित करेगा और इतना काम का बोझ एक साथ करना आपको मानसिक परेशानी में डाल देगा और एक साथ सभी कार्य निश्चित समय-सीमा में पूरा करना असंभव ही होगा।

इसके विपरीत यदि कार्यों को निश्चित योजना के साथ लगातार दृढ़-संकल्प के साथ आज का काम आज या अभी निबटाने की आदत डाल लें तो कार्य करना काफी आसान हो जाएगा। इसके साथ ही कार्यों के सही समय-सीमा में पूर्ण करने से आपको आत्मिक-ख़ुशी, उत्साह और अन्य कार्यों को करने की प्रेरणा भी प्राप्त होगी; इन सब के परिणामस्वरुप आपकी रूचि उस कार्य के प्रति स्वतः ही बढ़ जाएगी।

2. बड़े कार्यों को छोटे-छोटे भागों में बिभाजित करके, निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करने की लिस्ट के साथ योजना बनाकर करें:

कभी भी बड़े कार्यों और लक्ष्य पर एक बार में एक ही साथ कार्य ना करें। बड़े लक्ष्यों या कार्यों को छोटे-छोटे भागों में बॉंट कर एक के बाद एक करके पूर्ण करें। अगर समय की कमी के कारण कुछ कार्य अधूरे रह गए हैं तो उनकी समय-सीमा निर्धारित करते हुए सूची बनाएँ और अगले प्राथमिक कार्यों में इन्हें शामिल करें। पूरे दिन की To-Do-List बनाएँ और उसका दृढ़ता, अनुशासन के साथ पालन करें।

कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी महान क्यों ना हो; बड़े लक्ष्य एक साथ हांसिल नहीं कर सकता है। अतः कार्यों या लक्ष्यों को छोटे भागों में बाँट कर क्रम से हांसिल करने पर काम का बोझ महसूस नहीं होगा और धीरे-धीरे सभी कार्य बिना तनाव के पूर्ण होते चले जाएँगे। इससे आप कार्यों की विशालता के डर, चिंता से बचे रहेंगे।

छोटे-छोटे लक्ष्यों पर ध्यान एकाग्रः करना आसान होता है। छोटे-छोटे लक्ष्य हांसिल करने पर प्राप्त ज्ञान, जानकारी, अनुभव आपके अगले लक्ष्यों की मार्गदर्शक बनेंगी तथा आप अधिक आत्म-विश्वास महसूस करेंगे। साथ ही लक्ष्यों के पूर्ण होने की छोटी-छोटी ख़ुशियाँ आपको उत्साहित रखेंगी; इससे कार्यों पर मन लगेगा और स्वतः ही टालमटोल की आदत पर विराम लगेगा।

हर लक्ष्य और कार्यों की जानकारी, ज्ञान से अपने अगले लक्ष्यों को अपडेट करते रहें। कार्य करने के तरीके प्रभावी बनाएँ; इससे लक्ष्य कम समय में भी हांसिल करना संभव होगा।

3. एक समय में एक ही कार्य या लक्ष्य पर ध्यान एकाग्रः करें:

हमें कार्यों की वरीयता (priority) निश्चित करके जो कार्य अधिक महत्वपूर्ण हैं उन्हें एक-एक करके निबटाने चाहिए; इससे कार्यों पर ज्यादा सही तरीके से ध्यान लगा पाएंगे और आप पर कामों का बोझ एक साथ ना आने के कारण स्वयं को तनाव-मुक्त और ज्यादा आत्म-विश्वास में पाओगे। इससे आप हताशा, जल्दवाजी करने से बचकर टालमटोल की प्रवृत्ति के शिकार होने से बचे रहोगे; साथ ही साथ कार्यों की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।

अगर ज्यादा कामों को एक साथ करोगे तो आप हताशा में हर कार्यों में जल्दवाजी करोगे; जिसके कारण आपके कार्यों में भूलें होंगी और आप असफलता के साथ-साथ आप अपना वेस्ट देने से भी चूक जाओगे।

4. हर कार्य की एक निश्चित समय-सीमा निर्धारित करके कार्यों को निश्चित समय से पहले निबटाने के प्रयत्न करो:

जो भी कार्य करें उनकी उपयोगिता और महत्व के अनुसार पहले वरीयता (priority) निर्धारित करें; फिर निश्चित लिखित To-Do-List बनायें। To-Do-List में समय-सीमा जरूर निर्धारित करें। इसके बाद कार्यों को To-Do-List के अनुसार एक-एक करके निश्चित समय पर पूर्ण करने के लिए पूरी शक्ति लगा दें। तभी आप आत्म-विश्वास के साथ सभी कार्य निश्चित समय से पूर्व करने में सक्षम होंगे।

दिशाहीन और बिना लक्ष्य निर्धारित किये कार्यों का कोई सफलतम परिणाम नहीं मिलता है। अतः मेहनत करो लेकिन सूझ-बूझ के साथ कार्यों की परिस्थिति देखते हुए स्मार्ट तरीके से करें।

जो भी करें आपके उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुरूप करो; फिलुल के कार्यों में समय बर्बाद कभी ना करो। अगर लक्ष्य हांसिल करने हैं तो महत्वहीन कार्यों को नज़रअंदाज करना ही होगा। महत्वहीन कार्यों के लिए ना कहना आना चाहिए।

अगर किसी को नाराज नहीं करना चाहते हो तो किसी भी बहाने से उस महत्वहीन कार्यों को टाल दें। महत्वहीन कार्यों में व्यर्थ किया गया समय आपके वास्तविक महत्वपूर्ण लक्ष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा; अतः उन्हें टालना आवश्यक है।

जो भी करो उत्तम तरीकों के साथ करो तथा काम करते समय पूर्ण लगन और ध्यान उन विशेष कार्य में ही होना चाहिए; तभी हम कम समय में सभी कार्य पूर्ण करने में सफल होंगे।

5. धैर्य के साथ कार्य करें:

हमारा ध्यान मात्र सर्वश्रेष्ठ करने पर होना चाहिए ना कि परिणामों की चिंता भी करें। हमेशा आत्म-विश्वास रखें कि अगर हमने सर्वश्रेष्ठ कार्य पूर्ण लगन के साथ किया है तो एक निश्चित समय पर परिणाम भी सर्वश्रेष्ठ ही होंगे ही; अतः हमारी चिन्ताएँ व्यर्थ ही होंगी। अगर परिणामों की चिंता करोगे तो बेचैनी बढ़ेगी और आप में जल्दवाजी करने की प्रवृत्ति होगी; जिससे आपका ध्यान भटककर आपके कार्यों में रूकावट बनेगा। 

6. हमेशा शुरूआत छोटे स्तर से करें:   

बड़े-बड़े लक्ष्य छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटकर एक बार में एक ही लक्ष्य पर कार्य करें। इससे आपका तनाव-मुक्त होकर आसानी से कार्य में मन लगेगा और आत्म-विश्वास बना रहेगा।

7. स्वयँ पर विश्वास करो और खुद की इज्जत भी करो:

स्वयँ से प्यार करो, खुद को समय भी देकर अपनी काबिलयत और कमजोरियाँ जानकर अपने में सर्वोत्तम कौशल बिकसित करने के प्रयास करो। इससे आपका विश्वास बढ़ेगा; जो आपकी क्षमता बढ़ाएगा। इनसे आप प्रशन्नता के साथ कार्यों पर लगातार ध्यान एकाग्रः कर पाएँगे और काम को टालने की प्रवृत्ति से बचे रह सकते हैं।

(i). जीवन में, कार्यों में आए बदलाबों को स्वीकार करें तथा स्वयँ को उनके अनुरूप ढाल लें; तभी प्रतियोगिता भरी जिंदगी, करियर (careers) में सफल हो सकते हैं।

(ii). कार्य के प्रति कर्मठ बनें; समय के एक-एक क्षण के प्रति जागरूक रहते हुए काम करने के तरीकों में नई परिस्थितियों, प्रतियोगी वातावरण को ध्यान में रखते हुए बदलाव करें।

(iii). हर कार्य की प्राथमिकता तय करें तथा जो कार्य जितना महत्वपूर्ण हो; उसे उतना ही समय और शक्ति दो।

कार्यों को करने का क्रम भी निर्धारित करें तथा अनुसूची (schedule) बनाकर, अनुशासन के साथ लगातार सर्वोत्तम प्रयास करते रहें; जब तक की सफलता ना मिल जाए।

(iv) हर प्रकार के समय बर्बाद करने वाले डिस्ट्रक्शन (distraction) से दूर रहें। लोगों को खुश करने के चक्कर में ना पड़ें।

अपनी इज्जत पहचानो और कार्यों की इज्जत करो।

8. कभी भी विशेषज्ञता के इंतज़ार में काम को ना टालें

हर कार्य तुरन्त लाभ दे, आपको पूरी जानकारी पहले ही दिन हो; ये आवश्यक नहीं होता है।

सबसे अच्छा होगा कार्य सूझ-बूझ के साथ शुरू कर दो और साथ ही साथ जागरूक रहकर अपने कार्य और स्वयँ के कौशल और गुणवत्ता में भी सुधार करते जाएँ।

9. अन्त में:

अगर कोई अच्छा विचार दिमाग में आया है तो मात्र सोच-सोच कर ख्यालों में ना खोए रहो। कम सोचें और शीघ्र योजना बनाकर कार्य की शुरुआत करो; तभी आपके विचार सफलता को पा सकते हैं।

"अभी काफी समय है; बाद में कर लेंगे ", " कल से करेंगे और फिर कल कभी आता ही नहीं "; इस प्रकार की टालमटोल की बुरी आदत हमारे जीवन की सफलता के लिए घातक होती हैं; अतः इस बुरी आदत को जितना जल्दी हो सके छोड़ दो; तभी आप प्रगत्ति करने में सक्षम होंगे।

सोचने में ही वक्त ना निकालो; जो सोचा है उस पर तुरन्त काम करना शुरू कर दो।

कभी भी सम्पूर्ण बनने के चक्कर में समय बर्बाद ना करो। जैसे-जैसे कार्य होता जाएगा आपका ज्ञान, कौशल, अनुभव आपको मिलता जाएगा। एक समय बाद आप छोटी-छोटी सफलताओं के साथ-साथ सभी आवश्यक संसाधन, सुबिधाएँ भी जुटा लोगे। बस हमें दृढ़-संकल्प के साथ लगातार लक्ष्य पर कार्य करते जाना है; तब सफलताएँ खद-बा-खुद आपके पास आती चली जाएँगी।

अगर टालना ही है तो बुरे विचार, बुरी आदतों को टालें; इससे काम के टालने के कारण, बुरे संकल्प खुद ही ख़त्म हो जाएँगे और आपकी इज्जत, मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी।   

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