Monday, March 28, 2022

आत्म-मूल्य (अपनी वैल्यू ) कैसे बढ़ाएँ ? l वैल्यू l सम्मान l औकात l इज्जत l भाग-1

 

आत्म-मूल्य (अपनी वैल्यू ) कैसे बढ़ाएँ ?

{भाग-1}
सर्वश्रेष्ठ वैल्यू और आत्म-सम्मान 


    "हमें अपनी जिंदगी में ऐसे कई लोग मिल जायेंगे जिनकी इज्ज़त और रुतबा (औकात ) काफ़ी होता है ,उनकी ख्याती सीमित क्षेत्र में ही नहीं देश-विदेशों तक फैली होती है और उनको मान-सम्मान देने को दुनिया उनके आगे-पीछे रहती है।" 

    क्या आपने कभी विचार किया कि इन विशेष लोगों में ऐसा क्या विशेष आकर्षण या कौनसा ऐसा विशेष गुण है जिसके कारण ये आत्म-विश्वास से भरपूर रहते हैं और जहां भी जाते हैं लोग इनसे मिल कर  ख़ुशी और हर्ष से भर जाते हैं?

ये भी तो हमारे जैसे ही इंसान हैं और हमारे समाज से जुड़े हुए हैं ; फिर ये इतना सफल व्यक्तित्व कैसे पा लेते हैं ?

    ऐसा क्या है कुछ विशेष लोगों में जिनके कारण उनको हम सम्मान की दृष्टि से देखते हैं या उनकी ख्याती स्वतः ही चारों ओर फैलती है ,उनके व्यक्तित्व में विशेष आकर्षण होता है।

    ये सब उनकी आन्तरिक व बाहरी आत्म-मूल्य ( वैल्यू ) का ही परिणाम होता है।

    ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति कोई हमसे अलग नहीं होते हैं ,बस अन्तर होता है तो उनके व्यव्हार ,व्यक्तित्व ,बोलचाल और सोचने-समझने तथा प्रतिक्रिया देने के तरीकों का होता है।

    उच्च वैल्यू वाले व्यक्तियों की सोच सकारात्मक व उनका आत्म-विश्वास उच्च होता है ; जिसका प्रभाव उनके व्यव्हार तथा प्रतिक्रियाओं द्वारा साफ़-साफ़ देखा जा सकता है।

    उच्च व्यक्तित्व वाले लोगों की वैल्यू उनके चरित्र ,सकारात्मक सोच से देखी जाती है।

    ये गलत संगत्ति ( Bad Company ) से दूर रहते हैं ,इनको समय का और धन का संचय और सदुपयोग करना आता है। ये परिपक्व व्यक्तित्व ( Mature Personality ) वाले होते हैं , इनका बोलचाल व प्रतिक्रिया देने का तरीका मृदुल व आत्म-विश्वास से पूर्ण होता है

ये सब सामूहिक रूप से इन्हें एक आम-व्यक्ति से ख़ास-व्यक्ति बनाते हैं।

    अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको पसन्द करें ,अपनी इज्ज़त व वैल्यू बढे तो आपको स्वयं में सच्चे मन से अपने अन्दर वैसा इन्सान बनना पड़ेगा ;अपनी कमियों ,कमजोरियों ,छुपे डर को दूर करने के सकारात्मक प्रयास करने होंगे।

    जब आप स्वयं में श्रेष्ठता प्राप्त कर लेंगे तभी लोग आपकी वैल्यू करेंगे और आपके साथ सम्मान के साथ पेश आएँगे।

    हमने कई बार अनुभव किया है कि 2 व्यक्ति जिनकी Income ,Status एक समान है ;फिर भी इनमें से एक की ज़्यादा इज्ज़त होती है ,चाहे बात समाज की हो या परिवार और रिश्तेदारी की हो ,उस एक को ही ज़्यादा सम्मान व वैल्यू दी जाती है।

ये सब हमारे व्यव्हार ,खुशमिज़ाज-व्यक्तित्व व आचार-विचारों में अन्तर के कारण होता है।

    अब बात करते हैं इनके सिद्धांत और वैल्यू बढ़ने के तरीकों के बारे में।

    अगर हम हर कार्य में लोगों को देखेंगे या उनकी सुनेंगे या उनके मूड और धारणाओं के अनुसार कार्य करेंगे तो हम खुद की वैल्यू कभी भी नहीं बढ़ा पाएँगे

लोग तो आप कुछ भी कर लेना आपसे जलेंगे और घृणा भी रखेंगे। आप अच्छा करेंगे और प्रगति करेंगे तो जलेंगे और थोड़ा भी असफल हुए तो आप पर हसेंगे।

तो फिर हम ऐसी गन्दी प्रवृत्ति वाले लोगों पर समय बर्बाद क्यों करें। हमारे स्वयं के बारे में हम जितना जानते हैं ,दूसरे जान ही नहीं सकते हैं ;

    अतः आपको स्वयं ही स्वयं की अच्छाइयाँ और बुराइयाँ पता करके उनमें निरन्तर सुधार के प्रयास करने चाहिए

स्वयं का उद्देश्य और कार्य ; स्वयं को निर्धारित करने चाहिए

हमें हमारी आन्तरिक वैल्यू जैसे- ख़ुशी ,आत्म-विश्वास ,दया-भावना ,सेटिसफेक्शन बढ़ानी चाहिए।


संक्षेप में निम्न उपाय उपयोगी सहायक होंगे :-  
सम्मानित व्यक्तित्व  


1. हमेशा स्वयं को देखो ,स्वयं की प्रगत्ति के बारे में ही सोचो और आगे बढ़ने के उपायों पर ध्यान दो।
दूसरों की तरक्की में सहायक हो सकते हो तो अच्छा है ,लेकिन दूसरों से कभी भी ईर्ष्या-द्वेष रखना ठीक नहीं होता। दूसरों से जलन की भावना आपको स्वयं के ध्यान से भटकती है और आप का महत्वपूर्ण समय बर्वाद चला जायेगा ; साथ ही इसका प्रभाव आपकी सेहत पर बुरा ही पड़ेगा।

    शाँत रहो , धैर्य से काम लेना सीखो ; इससे आपमें शालीनता के भाव जाग्रत्त होंगे जो आपकी वैल्यू बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं।

खुश रहो।

2. दूसरों को ईर्ष्या भाव से देखना या उन्हें जज करना बन्द करो ,इससे आपकी प्रतिष्ठा दूसरों की नज़रों में गिरती है। आप भी स्वयं में कुँठा को बढ़ाते हो,अगर दूसरों से हरदम स्वयं की तुलना करते हो।

अगर तुलना करनी है तो स्वयं के कार्य की तुलना करें और योजना बनाकर आगे के नए रस्ते बनायें।
 
3. मैडिटेशन (ध्यान) लगाओ ; इससे आप हल्का और स्वयं में ताज़गी का अनुभव करोगे। आप तनाव,चिंताओं से दूर रहेंगे। 

4. हमेशा अपने से ज्यादा प्रगत्तिशील व्यक्तियों से सम्बन्ध रखें ,उनके कार्य करने के तरीकों को जानें और उनसे प्रेरणा लेकर स्वयं को उन्नत करने के प्रयत्न करें ;इस प्रकार आप स्वयं की वैल्यू कई गुना कम समय में बढ़ा सकते हैं।

लेकिन आलसी और नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूरी बनाकर चलें ,इससे आप समय के दुरूपयोग से बच सकते हैं।

प्रगत्तिशील लोगों से राय लेना या सीखना बुरा नहीं है ;लेकिन किसी पर निर्भरता नहीं रखें ,स्वयं को मेहनत के बल पर योग्य बनाएँ।

दूसरों पर हद से ज्यादा आशा नहीं रखें।

5. ख़ुद को या दूसरों को दोष देना बंद करो।

यदि आपमें कुछ कमी है तो सतत प्रयास द्वारा कमियों को दूर करने में समय ख़र्च करो ,इससे आप सीखकर नई-नई योग्यता और कौशल बढ़ा सकते हो। इस प्रकार आप सफलता के नए रास्ते विकसित कर सकते हैं।

6. स्वयं की इज्ज़त करें और कभी भी स्वयं को दीन-हीन या कमज़ोर ना समझें ,आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं और प्रयत्न करके और महत्वपूर्ण बन सकते हो।

चाहे कितनी भी परिस्थिति बुरी हो या आफ़त आ जाए लेकिन अपने आत्म-सम्मान को ना गिरने दें।

आत्म-सम्मान ही हमारे आत्म-विश्वास का श्रोत है अतः धैर्य और दृढ़ता से स्वयं को परिस्थितियों से उबारें लेकिन आत्म-सम्मान ना गिराएँ।

अतः कभी भी जोख़िम लेने से ना डरें ,लेकिन जोख़िम वही लो जिस कार्य को सफ़ल बनाने की आपकी योग्यता हो और जो कार्य करने में आपको ख़ुशी और तरक्की मिले।

    कार्य को सोच-सोच कर ,डरकर समय बर्वाद ना करें ;जितना जल्दी हो सके योजना बनायें और कार्य की सही समय पर शुरुआत कर दें।

इससे आपकी वैल्यू और आत्म-विश्वास दोनों बढ़ेंगे।

    

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