मेहनत से ही सफ़लता संभव होती है !
सफ़लता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।
सफ़लता पानी है तो मुश्क़िल रास्तों से गुजरना होगा और मार्ग में आई मुश्किलों और नई-नई जोख़िमों का साहस और धैर्य के साथ सामना तो करना ही होगा।
अगर हमें कार्य के बीच कोई दिक्कतें ना आएँ,तो समझ लेना कार्य की दिशा सही नहीं है ,अगर बड़ी सफ़लता चाहिए तो जोख़िम भी बड़ी ही लेनी होगी। जोख़िम बड़ी होगी तो मेहनत भी उसी अनुसार ज्यादा करनी होगी ,निरंतर नई-नई जानकारियों पर सीखकर कार्य में सुधार करते जाना होगा। इसके लिए समय का सदुपयोग करना होगा और कार्य पर ज्यादा एकाग्रह होना होगा।
मेहनत से व्यक्ति अपनी तरक्की के मार्ग को आसान बना सकता है ;अपने हालात बदल सकता है।
मेहनत के बल पर हर योग्यता और कौशल अर्जित किये जा सकते हैं। जितनी ज्यादा सही दिशा में प्रयास होंगे ,उतनी ही विशेष प्रगत्ति होगी।
मेहनत तभी सफ़ल होती है जब पक्का इरादा हो और दृढ़ इच्छा-शक्ति के साथ बिना रुके निरन्तर प्रयास करें।
प्रयास करो :- सत्तत प्रयास
कोई भी जन्म-जात प्रतिभाशाली नहीं होता है ,व्यक्ति के कार्य करने के तरीके और सतत प्रयास ही व्यक्ति को शक्तिशाली और प्रतिभाशाली बनाते हैं।
प्रतिभा हमें एक स्तर पर तो पहुंचा सकती है ,लेकिन आगे के सफ़र तो केवल लगातार मेहनत से ही तय हो सकते हैं।
मेहनत में निरन्तरता चाहिए - "पहले कुछ हासिल करने के लिए ,फिर उस हासिल को कायम रखने के लिए"।
अगर कार्य करेंगे तो हमें कई हारों और मुसीबतों का तो सामना करना ही होगा और निडरता के साथ लक्ष्य का पीछा करना होगा।
बिना रुके सही दिशा में मेहनत जारी रखें और हार व परेशानियों के कारण जानकर उनको सतत प्रयास करके दूर करें,तभी हम आगे बढ़ सकते हैं।
इन्सान स्वयं भाग्य-विधाता होता है ; हमारे कार्य जैसे होंगे परिणाम भी उसी प्रकार के प्राप्त होंगे। भाग्य को बनाना और बिगाड़ना हमारे हाथ में होता है। अतः स्वयं की शक्तियों पर विश्वास रखें और मेहनत के बल पर सफ़लता अर्जित करें।
"डर के आगे जीत है " ; अतः मार्ग में आई बाधाओं से डरें नहीं उनका मेहनत के बल पर डट कर सामना करें ,सफ़लता निश्चित समय पर अवश्य प्राप्त होगी !
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