हमारे शरीर का संचालन प्राण-वायु द्वारा प्राप्त प्राण-ऊर्जा शक्ति द्वारा ही संभव हो पाता है l PRAN VAYU l PRAN URJA l PRANAYAM l YOGA

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REMEMBER OF TOPIC |
हम सब जानते हैं कि एक बार का पढ़ा हुआ टॉपिक ( पाठ ) याद करना काफ़ी कठिन होता है; लेकिन ये नामुमकिन भी नहीं है, अगर हमने पठते समय टॉपिक के हर वाक्य और शब्दों को ठीक ढ़ंग से समझ-समझ कर पढ़ा होगा तो हम एक बार में ही पाठ याद कर सकते हैं।
किसी कि भी याद करने की क्षमता जन्मजात नहीं होती है; याददास्त अभ्यास द्वारा, याद करने की सही विधियों का उपयोग करके बढ़ाई जा सकती हैं।
हम पढ़ तो खूब लेते हैं लेकिन भूल जाते है। अगर हम पढ़ा याद नहीं रख पाते हैं तो इसका कारण हमारे दिमाग़ का कमज़ोर होना बिलकुल भी नहीं है ,जैसा ज्यादातर मानते हैं। इसका मुख्य कारण मात्र एक ही है कि हमने पढ़ा तो था लेकिन सिर्फ़ पढ़ते गए ,जैसे कोई कहानी हो ;हमने टॉपिक के बारे में कुछ विचार नहीं किया,ना ही उसके एक-एक वाक्य पर कोई विचार किया,तो फिर जब आपका कांसेप्ट ही क्लियर नहीं है तो दिमाग़ की मेमोरी में ये टॉपिक कैसे जानकारी के साथ स्टोर ( संगृहीत ) हो सकता है।
अतः पढ़ा पाठ पूर्णतः संगृहीत करने के लिए हमें पढ़ने, समझने, याद करने का सही तरीका अपनाना होगा। इससे हमारा समय भी बचेगा और पढ़ा पूर्णतः याद भी होगा।
यहाँ हम निम्न मुख्य दिक्कतों का समाधान खोजेंगे :-
1. टॉपिक ( पाठ ) बार-बार पढ़ने पर भी याद नहीं हो पा रहा है।
2. जो भी पढ़ा है, वह जल्दी भूल भी जाते हैं।
3. पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद नहीं रहता है।
4. सब कुछ याद हो जाता है, लेकिन परीक्षा देते समय भूल जाते हैं।
उपरोक्त सभी आम समस्याएँ हैं जो सबके साथ हो सकती हैं। अगर हम पढ़ने, समझने, याद करने का सही तरीका नहीं अपनाते हैं तो हम कभी भी इन भूलने की आदतों से छुटकारा नहीं पा सकते हैं।
अतः, यहां हम उन्हीं कुछ विशेष टिप्स / तरीकों को जानने का प्रयास करेंगे ,जिन्हें अपनाकर हम याददास्त बढ़ा सकते हैं। ये काफ़ी प्रभावी,असरदार हैं,जिनका प्रयोग करके हम किसी भी कठिन से कठिन पाठ( टॉपिक ) को लम्बे समय तक याद कर पाने में सक्षम होंगे।
पढ़ाई निरंतरता माँगती है, अतः बार-बार पढ़ें, revision ( दोहराना
) करें, परीक्षा ( exam ) के समय याद करने के विशेष नोट्स भी बनायें, इससे आपको पढ़ने-लिखने की आदत बनेगी और आप पढ़ने के साथ-साथ याद करने की क्षमता में भी बृध्दि करेंगे।
कभी भी कोई ज्ञान रटकर लम्बे समय तक याद नहीं रखा जा सकता जब तक कि आप टॉपिक की गहराई में नहीं जायेंगे, टॉपिक के हर वाक्य और शब्द को समझ-समझ कर याद करने का प्रयास नहीं करोगे।
ये कोई कठिन कार्य नहीं है, लेकिन किसी रटने की बुरी आदत को इतना जल्दी छोड़ना भी आसान नहीं है।
" आपको स्वयँ से दृढ़-संकल्प करना होगा की चाहे समय अधिक लगे, लेकिन जो भी पढ़ेंगे समझ-समझ कर पढ़ेंगे, उनको अपने शब्दों में शार्ट-नोट्स के रूप में लिखेंग।
साथ ही साथ इस प्रवृत्ति को भी दूर करो कि अपने होम वर्क दूसरे दोस्तों के होम-वर्क
से कॉपी करके पूरे करते हो; इससे आप इस विशेष टॉपिक को कभी समझ ही नहीं पाएंगे। जब आप इस विशेष टॉपिक को समझे ही नहीं तो आप कैसे आप आशा कर सकते हैं कि ये टॉपिक आपको याद हो सकता है।
अतः आज और अभी से ये दृढ़-निश्चय करो कि जो भी होम वर्क होगा आप स्वयँ बुक्स ( किताबों ) की सहायता से स्वयँ करोगे और पहले टॉपिक को समझोगे तभी होम-वर्क को अपने शब्दों में पूर्ण करोगे।
इससे आपको पाठ लम्बे समय तक याद भी रहेगा और आपका आत्म-विश्वास भी बढ़ेगा; जिसका सुफ़ल आपकी परीक्षा के परिणाम में प्राप्त होगा।
सारांश रूप में आपको याद नहीं होने के कारण जानकर, सिलेबस के अनुसार पुस्तकों का सहारा लेकर पहले बेसिक समझना होगा,फिर टॉपिक आसानी से समझ आता जायेगा। यह मुख्य सिद्धान्त है किसी पाठ को समझने और याद करने का।
हम सभी जानते हैं कि किसी भी विषय में पाठ की शुरुआत परिचय (Introduction) से की जाती है, इसका पाठ को समझने में महत्वपूर्ण योगदान है।
हर विषय के पढ़ने और समझने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, इन पर विचार करो और पढ़ने का सही तरीका इस्तेमाल करो। इसके लिए आप U-TUBE या GOOGLE SEARCH की सहायता ले सकते हैं, इन पर कई टॉपिक और विडिओ आपको मिलेंगे, जो आपके मार्ग-दर्शक बन सकते हैं।
थ्योरेटिकल ,प्रेक्टिकल या गणित को सीखने और समझने के तरीके अलग-अलग होते हैं,लेकिन सभी विषयों में शुरुआत पाठ के परिचय से ही करनी चाहिए।आप जब तक पाठ का परिचय नहीं जानेंगे तब तक आप किसी भी विषय में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
ज्यादातर बच्चों का भ्रम होता है कि " गणित में सूत्र याद करो और हो गया काम " और लग जाते हैं सवाल हल करने। ये गलत बात है, इस प्रकार आप कोई भी कठिन प्रश्न हल नहीं कर पाएंगे।
गणित में भी TEXT - BOOK का परिचय समझना और सूत्र को प्रयोग करने के तरीकों और STEPS (क्रम) को समझकर याद करने होते हैं। गणित में अगर छात्र TEXT - BOOK के TEXT (अक्षरों) को पहले पढ़े और साथ ही साथ पुस्तक में दिए सभी उदहारण (EXAMPLES) क्रम से स्टेप्स समझते हुए कर ले तो उसे कभी भी ट्युशन (TUTION) की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी, वह स्वयं ही सभी प्रश्नों के उत्तर आसानी से हल कर सकता है। इसी प्रकार आप अपनी योजना और समझ दूसरे विषयों पर भी आज़मा सकते हो।
अतः पहले पाठ पढ़ें,समझें फिर याद करें। पाठ को रटने की कोशिश कभी ना करें। तभी पाठ लम्बे समय तक याद रहेगा।
कई बार हम विषय में रुचि ही नहीं लेते हैं, जिसके कारण या तो हम स्वयं को तनाव में डाल लेते हैं या ऊब जाते हैं या कई विषयों पर हमारी धारणा ही बन जाती है की ये विषय समझना कठिन है, लेकिन ये गलत धारणा है।
कोई विषय कठिन नहीं होता अगर हम साहस,धैर्य और लगन के साथ उस विषय को सीखना और समझना चाहें।
हमें मेहनत तो करनी ही होगी, अगर जीवन में कुछ बड़ा करने का प्रण किया है।
स्वयं पर आत्म-विश्वास रखो और धैर्य के साथ कोशिश करते रहें ,कुछ दिनों बाद ये ही विषय आपको रुचिकर लगने लगेगा और समझ में भी आने लगेगा।
चाहें आपकी परीक्षा के दिन काफ़ी कम बचें हैं ,लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है। आपको सोचने में समय बर्बाद ना करके तुरन्त पढ़ाई एक नई प्रभावी योजना के साथ शुरू कर देनी चाहिए।
आज से जो भी पढ़ें योजना-अनुसार फिक्स टाइम-टेबल बनाकर पढ़ें, सभी प्रकार के समय बर्बाद करने वाले सोशल-मीडिया, मोबाइल ऐप्प, नोटिफिकेशन्स और यहाँ तक की समय बर्बाद करने वाले दोस्तों से तुरन्त दूरी बनानी होगी; सारा समय पढ़ाई पर फोकस (एकाग्रः) करना होगा।
अगर आप ध्यान को पढ़ाई में योजना-अनुसार लगाने में सफ़ल हो गए तो 3-4 माह की पढ़ाई 15 दिन से 30 दिन में पूरी कर सकते है,शर्त यह होगी कि अति-आवश्यक होने पर ही आप योजना से हट कर कार्य करें अन्यथा पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाएँ।
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FEAR LESS ATTITUDE |
डरें बिल्कुल नहीं, आत्म-विश्वास के साथ पढ़ें और जो भी
पढ़ें पूरा पढ़ें और शार्ट-नोट्स साथ-साथ बनाते चलें इससे आपकी परीक्षा पूर्व पढ़ने का
शार्ट-कट तैयार हो जायेगा जो अंतिम समय दोहराने (revision) में काम आएगा।
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