नव-वर्ष के संकल्प
(Resolution In New-Year 2025)
नव-वर्ष के संकल्प |
हम सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष अवसरों पर विशेष कार्यों को पूरा करने या स्वयँ में सर्वोत्तम गुण लाने के संकल्प लेते हैं। संकल्प लेने के लिए नव-वर्ष के संकल्प काफ़ी महत्व रखते हैं।
संकल्प के द्वारा हम किसी अच्छी बात, कार्यों को करने का दृढ़-निश्चय करते हैं।
नव-वर्ष की शुरूआत नई ऊर्जा, उत्साह-उमंग के साथ निश्चित लक्ष्यों के साथ करें।
यह भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि मात्र संकल्प करने भर से कुछ भी हांसिल नहीं होगा; लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दृढ़-इच्छा शक्ति (Strong
Will-Power) के साथ-साथ हमें योजना बनाकर समयबद्ध कार्यक्रम अनुसार अनुशाषित होकर कठोर-परिश्रम भी करना होगा।
जो भी संकल्प लें सोच-समझ कर लें। कभी भी संकल्प भाबुकता
में आकर ना लें। पहले स्वयँ को जानें, स्वयँ के इच्छित उद्देश्यों, दायित्वों, तथा
परिस्थितियों और स्वयँ की काबिलियत, ज्ञान, कौशल, कमजोरियों पर ध्यान देकर छोटे-छोटे
दृढ़-संकल्प बनाएँ।
अगर बड़े संकल्प हैं तो सुबिधानुसार समय-सीमा निर्धारित
करते हुए संकल्पों की सूची (List) तैयार करें।
आपको संकल्पों को पूरा करने के लिए स्वयँ से दृढ़-प्रतीज्ञा
करनी होगी और चाहे जैसी भी परिस्थिति आ जाए या चाहें दुनिया का कोई भी इन्सान आप से
नाराज हो जाए, चाहे अन्य कोई प्रलोभन आएँ; तब भी पहले आप को संकल्प पूरा करने पर ध्यान
एकाग्रः करना होगा; उसके बाद ही समय मिलने पर दूसरे कार्य करें। अगर आप ऐसी मानसिक-दृढ़ता
पैदा करने में सफल रहते हैं तो संकल्पों को पूरा करना आसान हो जाएगा।
इन सबके लिए आपको मन को वश में रखकर आत्म-नियंत्रित होना
होगा। सभी प्रकार के आलस, डर, बाधाओं को दूर करने के लिए कठोर-परिश्रम करने होंगे।
ये सब कार्य कठिन नहीं होंगे; अगर आपने स्वविवेक से संकल्प लिए हैं।
इन संकल्पों के लिए आपको निश्चित लक्ष्य बनाने चाहिए। लक्ष्य
भी निश्चित दिशा में, समय-सीमा निर्धारित करते हुए बनाएँ। बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे
भागों में विभक्त करके; उन्हें समय-बद्ध तरीके से लिखित समय-सीमा से पहले पूर्ण करने
के लिए दृढ-प्रतिज्ञ बनें।
स्वयं को समय-सारणी (Timetable) और कार्यों के प्रति अनुशाषित
रखें। तभी निश्चित समय पर आपके संकल्प पूर्ण होकर आपको खुशहाली, समृद्धि के शिखर तक
ले जाएँगे।
" नव-वर्ष या
नया जीवन शुरू करने से पहले स्वयँ की इज्ज़त करना सीख लो। दृढ़-प्रतिज्ञ बनो। दूसरों
की गुलामी करने की बजाय स्वयँ को समझो, स्वयँ पर विश्वास बढ़ाओ; तभी आप आत्म-विश्वास,
ख़ुशी के साथ आगे बढ़ सकते हो।"
" लोगों को खुश
करने के चक्कर में स्वयँ के कार्यों, अपनी रुचि, अपनी इज्ज़त-आत्म सम्मान से समझौता
कभी ना करो।
अगर आपमें काबिलियत
है तो आपको किसी की भी गुलामी करने की जरूरत नहीं; हिम्मत जगाओ और अपनी आत्मा की आवाज
सुनो, अपनी रुचि का कार्य तुरन्त शुरू करो; चाहे शुरूआत छोटी ही क्यों ना हो।
जब तुम असली सफलता
की जीत हांसिल करोगे तो सभी आपकी इज्ज़त स्वतः ही करने लगेंगे।"
संकल्प (Resolution) दृढ़-संकल्पों में शक्ति होती है।
हर दिन, हर सुबह, हर पल हमारे लिए शुभ होते हैं। अतः हाथ पर हाथ धरे ना बैठे रहें और नई साल का ही इंतज़ार ना करते रहें। अच्छे कार्यों की शुरूआत जितना जल्दी हो सके करें; ताकि आप आत्म-विश्वास के साथ जीवन को प्रगत्तिशील बना पाओगे।
दृढ़-संकल्पों में असीम-शक्ति होती है; अगर आप ये संकल्प पूर्ण लगन, विश्वास के साथ अनुशाषित होकर पूरा करते हो।
अगर संकल्प लेकर भूल जाओगे तो इनका कोई महत्व नहीं होगा। बगैर संकल्प के जीवन-पथ पर प्रगत्ति करना मुश्किल होता है। संकल्पों को पूरा करने के लिए दृढ़-इच्छा शक्ति का होना जरूरी होगा। अगर संकल्प लेकर भूलना है तो आपका प्रयास व्यर्थ होगा।
हमें निम्न संकल्प जरूर लेने चाहिए-
हमारी संकल्प शक्ति इतनी प्रबल होनी चाहिए कि जिस लक्ष्य का हम चयन करें; उसे बिना प्राप्त किए कभी भी संतुष्ठ ना हों; दिन-रात एक कर दें; लेकिन लक्ष्य प्राप्त करके ही मानें।
मात्र चाहत या इरादे रखने से कुछ नहीं होगा; इसके लिए दृढ़-निश्चय और पक्का-इरादा करके संकल्प लेकर लक्ष्य पर कठोर-परिश्रम करना होगा; जब तक कि लक्ष्य हांसिल ना हो जाए। तभी आप सर्वश्रेष्ठ बन सकते हो।
नव-वर्ष के संकल्प : संकल्प लेकर बाधाओं को पार किया जा सकता है।
अगर विचार करें तो नव-वर्ष पुरानी चीजों को पीछे छोड़कर हमारे लिए एक नई आशा की किरण लेकर आता है।
हम सब कुछ पुरानी गलत चीजों, बातों, घटनाओं को भूलकर नए-जीवन की सकारात्मक शुरूआत भी कर सकते हैं। हमें इस नए दिन के आगमन का स्वागत सदभाव और ख़ुशी के साथ करना चाहिए। नए-साल के साथ उत्साह, दृढ़-संकल्प की एक कामना छुपी होती है। हमें इस दिन स्वयं को समय देकर नए सिरे से उत्साह के साथ नई-सफलता के लिए दृढ़-संकल्प लेने चाहिए।
पुरानी भूलों, हारों, असफलताओं से सबक लेकर नई-प्रेरणा के साथ अपने दृढ़-संकल्प करने चाहिए; तभी हम नव-वर्ष में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हो सकते हैं।
हमें जीत, हार दोनों में समभाव की दृष्टि अपनाते हुए अहंकार, ईर्ष्या, पश्चाताप, आत्म-ग्लानि, जल्दबाजी का अबगुण, भाबुकता की भावना, आवेगों से आगे निकलना होगा। हमें अपना व्यक्तित्व विकसित करते हुए सकारात्मक-सोच, विचार, भावना अपनानी होगी; तभी हमारा नया साल हमें बड़ी उपलब्धि और समृद्दि देकर जाएगा।
देखा जाए तो नए-साल की शुरूआत एक बेहत्तर अवसर होता है; जो हमें अपनी गलतियों, कमियों को सुधार कर आगे बढ़ने के लिए नए लक्ष्य निर्माण की प्रेरणा देता है। अतः हमें इस शुभ-अवसर का लाभ लेना चाहिए।
अगर नए साल की शुरूआत अच्छे-कार्यों, शुभ-समृद्ध विचारों के साथ की जाए; तो पूरा साल और आगे का जीवन बेहत्तर बनाया जा सकता है। सब कुछ हमारी सोच, समझ पर निर्भर है।
इस अवसर पर हमें सजगता के साथ स्वयँ के कौशल, रूचि अनुरूप आगे तरक्की के लिए निश्चित उद्देश्यों के साथ लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।
विशेष :
जो भी संकल्प लो; पूर्ण सोच-समझकर लें, पूर्ण-मनोयोग से उसे पूर्ण करने का प्रयास करें। यही वे संकल्प होंगे जो आगे आपके जीवन को सही-दिशा में प्रगत्तिशील बनाकर नई बड़ी सफलता के मूल-स्रोत बनेंगे।
बुरी आदतें ख़त्म करने और नई अच्छी आदतें डालने में संकल्प-शक्ति काफ़ी सहायक होती है।
संकल्प करके हम प्रगत्ति पाने के लिए हमारे कार्यों, विचारों, भावनाओं को एक सकारात्मक-दिशा देने का प्रयत्न करते हैं; जिससे कार्यों, आदतों को एक निश्चित दिशा मिलती है तथा हम उत्साह के साथ लक्ष्यों के प्रति एकाग्रः हो सकते हैं।
दृढ़-संकल्प एक प्रतीज्ञा ही होती है; जिससे बुराइयों, कमजोरियों को मिटाकर हम अच्छाई अपनाकर स्वयँ को सक्षम, शक्तिशाली बनाने की प्रतीज्ञा करते हैं l हर प्रतीज्ञा में एक बुराई छोड़ कर उसकी जगह अच्छी बातें स्वीकार करने का प्रयास होता है। जैसे क्रोध ना करने की प्रतीज्ञा के साथ हम शांति, सहयोग की कामना करते हैं। नकारात्मक-सोच को छोड़ने का संकल्प लेकर हम सकारात्मक-सोच को अपनाते हैं। ईष्या-घृणा को छोड़कर प्रेम, सहयोग, सदभावना को बढ़ा सकते हैं।
1. हमें हक़ीक़त के दायरे में जीना होगा।
मात्र लक्ष्य बनाने से कुछ भी नहीं होगा; उनको पूरा करने के लिए कठोर-परिश्रम निश्चित दिशा में लगातार बिना रुके करते जाना होगा।
हमारे बनाए लक्ष्यों की योजना और समय-सीमाओं का ईमानदारी, अनुशासन के साथ तय समय-सीमा पर लक्ष्य हांसिल करने होंगे।
2. अपने आप को धोखा देना बन्द करो।
अब भी कोई देर नहीं हुई है; जागो, झूठे सपनों-ख्वाबों की दुनिया से और इसी नव-वर्ष में दृढ़-प्रतिज्ञा करो जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने की, बुरी आदतों-लतों को मिटाने की, साथ ही साथ बुरे लोगों की संगत छोड़ने की; तभी आप जीवन की वास्तविक ख़ुशी, समृद्धि, कठोर-परिश्रम का समय तथा घर-परिवार की ख़ुशी आप पा सकते हैं।
3. स्वयँ को जानो, वर्तमान में रहकर कार्य करो। बाधाओं का सामना साहस के साथ करें।
यही प्रतिज्ञा आपको संसार में सर्वश्रैष्ठ बना सकती है।
अपने जीवन की समृद्दि के जिम्मेदार आप स्वयँ हैं।
अतः अपनी जिम्मेदारियाँ समझें और नव-वर्ष से जिम्मेदारी
के साथ स्वयँ को पूरा समय, ख़ुशियाँ देते हुए नव-जीवन में प्रगत्ति-पथ पर आगे बढ़ें।
हमेशा अपने दिल की सुनों, लोगों के नकारात्मक सुझावों,
कटाक्ष को नजरअंदाज करो।
कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्यों से पीछे ना
हटो। परेशानियाँ तो आएँगी ही; लेकिन अगर आपने उन मुश्किलों का सामना कर लिया तो मंज़िल
आपके सामने होगी।
ये सब तभी होगा जब आप धैर्य के साथ-साथ स्वयँ पर विश्वास
करना सीख लोगे।
कभी भी अच्छे अवसरों को ना छोड़ना; इसके लिए सूझ-बूझ और
योजना के साथ जोख़िम तो लेनी ही होंगी।
जोख़िम जितनी बड़ी उठाओगे; तो सफलता भी उतनी ही बड़ी होगी।
हमेशा सकारात्मक-धारणाओं के साथ सकारात्मक-सोच रखना; तभी
अमीरी, समृद्धि, ख़ुशियाँ आपके पास होंगी।
याद रखना; निरन्तर प्रयास करने से बड़ी से बड़ी बाधा या चुनौतियों
को जीता जा सकता है। लेकिन धैर्य रखना जरूरी है।
कभी भी परिणामों की चिंता में निराश ना होना चाहिए।
होंसले बुलन्द रखना; तभी आप हर मुश्किलों से लड़कर सफलता
के शिखर तक सही समय पर पहुँच पाओगे।
4. जो भी कार्य करें स्वयँ के बल पर पूर्ण-समझदारी के साथ करें।
दूसरों पर निर्भर रहोगे तो लक्ष्य तक पहुँच पाना सम्भव
ही नहीं होगा।
नई-शुरूआत निश्चित उद्देश्यों के साथ करें।
जो भी सोचें या करें उद्देश्यपूर्ण होने चाहिए। जो भी संकल्प
लेकर लक्ष्य निर्धारित किए हैं; उन पर शीघ्र कार्यवाही योजना बनाकर करें।
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