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नव-वर्ष के संकल्प |
हम सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष अवसरों पर विशेष कार्यों को पूरा करने या स्वयँ में सर्वोत्तम गुण लाने के संकल्प लेते हैं। संकल्प लेने के लिए नव-वर्ष के संकल्प काफ़ी महत्व रखते हैं।
संकल्प के द्वारा हम किसी अच्छी बात, कार्यों को करने का दृढ़-निश्चय करते हैं।
नव-वर्ष की शुरूआत नई ऊर्जा, उत्साह-उमंग के साथ निश्चित लक्ष्यों के साथ करें।
यह भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि मात्र संकल्प करने भर से कुछ भी हांसिल नहीं होगा; लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दृढ़-इच्छा शक्ति (Strong
Will-Power) के साथ-साथ हमें योजना बनाकर समयबद्ध कार्यक्रम अनुसार अनुशाषित होकर कठोर-परिश्रम भी करना होगा।
जो भी संकल्प लें सोच-समझ कर लें। कभी भी संकल्प भाबुकता
में आकर ना लें। पहले स्वयँ को जानें, स्वयँ के इच्छित उद्देश्यों, दायित्वों, तथा
परिस्थितियों और स्वयँ की काबिलियत, ज्ञान, कौशल, कमजोरियों पर ध्यान देकर छोटे-छोटे
दृढ़-संकल्प बनाएँ।
अगर बड़े संकल्प हैं तो सुबिधानुसार समय-सीमा निर्धारित
करते हुए संकल्पों की सूची (List) तैयार करें।
आपको संकल्पों को पूरा करने के लिए स्वयँ से दृढ़-प्रतीज्ञा
करनी होगी और चाहे जैसी भी परिस्थिति आ जाए या चाहें दुनिया का कोई भी इन्सान आप से
नाराज हो जाए, चाहे अन्य कोई प्रलोभन आएँ; तब भी पहले आप को संकल्प पूरा करने पर ध्यान
एकाग्रः करना होगा; उसके बाद ही समय मिलने पर दूसरे कार्य करें। अगर आप ऐसी मानसिक-दृढ़ता
पैदा करने में सफल रहते हैं तो संकल्पों को पूरा करना आसान हो जाएगा।
इन सबके लिए आपको मन को वश में रखकर आत्म-नियंत्रित होना
होगा। सभी प्रकार के आलस, डर, बाधाओं को दूर करने के लिए कठोर-परिश्रम करने होंगे।
ये सब कार्य कठिन नहीं होंगे; अगर आपने स्वविवेक से संकल्प लिए हैं।
इन संकल्पों के लिए आपको निश्चित लक्ष्य बनाने चाहिए। लक्ष्य
भी निश्चित दिशा में, समय-सीमा निर्धारित करते हुए बनाएँ। बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे
भागों में विभक्त करके; उन्हें समय-बद्ध तरीके से लिखित समय-सीमा से पहले पूर्ण करने
के लिए दृढ-प्रतिज्ञ बनें।
स्वयं को समय-सारणी (Timetable) और कार्यों के प्रति अनुशाषित
रखें। तभी निश्चित समय पर आपके संकल्प पूर्ण होकर आपको खुशहाली, समृद्धि के शिखर तक
ले जाएँगे।
" नव-वर्ष या
नया जीवन शुरू करने से पहले स्वयँ की इज्ज़त करना सीख लो। दृढ़-प्रतिज्ञ बनो। दूसरों
की गुलामी करने की बजाय स्वयँ को समझो, स्वयँ पर विश्वास बढ़ाओ; तभी आप आत्म-विश्वास,
ख़ुशी के साथ आगे बढ़ सकते हो।"
" लोगों को खुश
करने के चक्कर में स्वयँ के कार्यों, अपनी रुचि, अपनी इज्ज़त-आत्म सम्मान से समझौता
कभी ना करो।
अगर आपमें काबिलियत
है तो आपको किसी की भी गुलामी करने की जरूरत नहीं; हिम्मत जगाओ और अपनी आत्मा की आवाज
सुनो, अपनी रुचि का कार्य तुरन्त शुरू करो; चाहे शुरूआत छोटी ही क्यों ना हो।
जब तुम असली सफलता
की जीत हांसिल करोगे तो सभी आपकी इज्ज़त स्वतः ही करने लगेंगे।"
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दृढ़-संकल्पों में शक्ति होती है। |
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संकल्प लेकर बाधाओं को पार किया जा सकता है। |
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बाधाओं का सामना साहस के साथ करें। |
यही प्रतिज्ञा आपको संसार में सर्वश्रैष्ठ बना सकती है।
अपने जीवन की समृद्दि के जिम्मेदार आप स्वयँ हैं।
अतः अपनी जिम्मेदारियाँ समझें और नव-वर्ष से जिम्मेदारी
के साथ स्वयँ को पूरा समय, ख़ुशियाँ देते हुए नव-जीवन में प्रगत्ति-पथ पर आगे बढ़ें।
हमेशा अपने दिल की सुनों, लोगों के नकारात्मक सुझावों,
कटाक्ष को नजरअंदाज करो।
कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्यों से पीछे ना
हटो। परेशानियाँ तो आएँगी ही; लेकिन अगर आपने उन मुश्किलों का सामना कर लिया तो मंज़िल
आपके सामने होगी।
ये सब तभी होगा जब आप धैर्य के साथ-साथ स्वयँ पर विश्वास
करना सीख लोगे।
कभी भी अच्छे अवसरों को ना छोड़ना; इसके लिए सूझ-बूझ और
योजना के साथ जोख़िम तो लेनी ही होंगी।
जोख़िम जितनी बड़ी उठाओगे; तो सफलता भी उतनी ही बड़ी होगी।
हमेशा सकारात्मक-धारणाओं के साथ सकारात्मक-सोच रखना; तभी
अमीरी, समृद्धि, ख़ुशियाँ आपके पास होंगी।
याद रखना; निरन्तर प्रयास करने से बड़ी से बड़ी बाधा या चुनौतियों
को जीता जा सकता है। लेकिन धैर्य रखना जरूरी है।
कभी भी परिणामों की चिंता में निराश ना होना चाहिए।
होंसले बुलन्द रखना; तभी आप हर मुश्किलों से लड़कर सफलता
के शिखर तक सही समय पर पहुँच पाओगे।
दूसरों पर निर्भर रहोगे तो लक्ष्य तक पहुँच पाना सम्भव
ही नहीं होगा।
नई-शुरूआत निश्चित उद्देश्यों के साथ करें।
जो भी सोचें या करें उद्देश्यपूर्ण होने चाहिए। जो भी संकल्प
लेकर लक्ष्य निर्धारित किए हैं; उन पर शीघ्र कार्यवाही योजना बनाकर करें।
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